Friday, July 26, 2013

"टंच माल" ये क्या होता है ?

"टंच माल" ये क्या होता है ?
दिग्गी बाबु मीनाक्षी नटराजन (कांग्रेस की नेत्री) को "टंच माल" कहते है अपने बयान में

अनुज विश्वकर्मा's photo.



--वैसे भी कांग्रेस का अंदरूनी मामला है , मालबाजीचलती होगी , गांधीवादी होंगी मीनाक्षी जी अतः सबकेपास मिलती-जुलती होंगी
Parul के कुछ प्रश्न हैदिग्गी बाबु से ----
1 . की सोनिया जी कैसा माल है ?
2 .वर्तमान में जैसी भी है..आज से 20 साल पहले कैसा मालथी ?
3 . किन-किन जौहरियों ने इस माल की जांच पड़ताल की है ??
4 . कांग्रेस माल-दार (पैसे से भी) पार्टी है ?
5 . माल का उपयोग कहा-कहा होता है ,क्या दूसरी पार्टीके जौहरी भी इसकी जांच करतेहै ?
6 . क्या राहुल बाबा टंच मालहै ?? या स्वयं जौहरी है ?

Thursday, July 25, 2013

गुजरात के दंगे भी कांग्रेस ने कराये थे

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा की इंडियन मुजाहिद्दीन का निर्माण गुजरात दंगो के के कारन ही हुआ था तो इसके जवाब में बीजेपी की प्रवक्ता मीनक्षी लेखी ने कई चौका देने वाली जानकारी दी।

उन्होंने बताया की आज गुजरात में 2002 के बाद एक भी दंगा नहीं हुआ और गुजरात के दंगे भी कांग्रेस ने कराये थे। अगर आप देखेंगे तो जिन लोगो ने गोधरा में ट्रेन में हिन्दुओ को जिन्दा जलाया उनमे से हाफिज पानवाला कांग्रेस पार्टी से है। ज़किया जाफरी का घर जलाने वाला कांग्रेस पार्टी का कॉर्पोरटर था जिसका नाम नील सिंह चौधरी है। निसार बापू जो कांग्रेस का मेयर था वो वडोधरा के दंगो में शामिल था। मुहम्मद सुर्ती जो सूरत से कांग्रेस का मंत्री था वो भी बम ब्लास्ट करने में शामिल था। उन्होंने यह भी बताया की अभी तक गुजरात दंगो में न्यायलय ने 25 कांग्रेस के नेताओ को सजा दे चुकी है। यह सिद्ध हो चूका है की गुजरात दंगे कांग्रेस ने कराये थे फिर भी कांग्रेस मोदी पर झूटे आरोप लगते रहती है।

उन्होंने यह भी बताया की कांग्रेस कहती है की गुजरात के दंगो में कुल 1169 लोग मारे गए जिसमे 30% लोग हिन्दू थे लेकिन कांग्रेस और बिकाऊ मीडिया यह बात लोगो को कभी नहीं बताती है।

उन्होंने बताया की कश्मीर से कन्याकुमारी, केरेला तक हिन्दू असुरक्छित है। कश्मीर से 5 लाख हिन्दुओ को बहार फेका गया, अभी तमिलनाडु में बीजेपी के एक हिन्दू नेता को मारा गया, अगर आप तमाम घटनाये जोरेंगे तो केवल पिछले एक वर्ष में ही १६ ऐसी घटनाये हुई है जहा केरेला और तमिलनाडु में हिन्दु नेताओ को मारा गया है। अगर आप उससे भी पुराना इतिहास देखेंगे तो आप देखेंगे की किस प्रकार से हिन्दुओ को मारा गया है। कांग्रेस के शाशन में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई कोई भी सुरक्छित नहीं है।

http://www.youtube.com/watch?v=AsexbzB__cE


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आप चाहे किसी भी मज़हब या राजनैतिक दल से ताल्लुक रखते हो राष्ट्रहित के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़िए... और शेयर कीजिये...

● 1- भारत की आज़ादी के बाद के इतिहास में सबसे भयानक दंगे 1969 में अहमदाबाद (गुजरात) में हुए थे जिसमें 5000 मुसलमान मारे गए थे। उस वक़्त गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के "हितेन्द्र भाई देसाई" थे और भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा जी ..........
● 2- इसके बाद दूसरा बड़ा दंगा 1985 में गुजरात में हुआ जिसके बाद अन्य छोटे छोटे दंगे हुए जो महीनो तक चले, तब गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के 'माधवजी सोलंकी' थे और भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। .......
● 3-1987 में गुजरात में फिर दंगे हुए और तब भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के 'अमर सिंह चौधरी' थे।
● 4- इसके बाद 1990 में फिर से गुजरात दंगो की आग में दहक उठा। उस समय भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के 'चिमन भाई पटेल' थे।
● 5. और आखिर में 1992 में हुए दंगो के समय भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के 'छिमा भाई पटेल' ही थे।
● गुजरात के इतिहास के सैकड़ो दंगो में से इन 5 बड़े दंगो के लिए हमारे "बुद्धिजीवी और मुस्लिम किसे जिम्मेदार मानेंगे ?? और याद रखिए गुजरात में 2002 के बाद से अमन और शांति कायम है... तो क्या आजतक मुस्लिमो की प्रिय कांग्रेस ने उन दंगो में मारे गए मुसलमानों के लिए कभी अपने मुंह से एक शब्द भी निकाला ? क्यो कांग्रेस केवल २००२ दंगो के लिए रोती रहती है ? कांग्रेस के राज में उन दंगो में मारे गए मुसलमानो का खून- खून ना हो कर पानी था क्या ? पर कांग्रेस क्यो बेकार में इस मुसीबत का साँप अपने गले में लटकाए जब खुद मुसलमानो को ही उन दंगो या उन दंगो में मारे गए मुसलमानो की याद नहीं है, उनको तो बस २००२ के दंगे याद हैं, वो भी तब- जबकि वो एक क्रिया के प्रतिक्रिया स्वरूप हुए थे, मुसलमानों मित्रो मैं नहीं कहता कि आप मोदी पर विश्वास करो पर आप जिस नीच कांग्रेस पार्टी को 65 सालो से अपना रहनुमा समझते आ रहे हो, उससे एक बार इस चीज़ का जवाब जरुर मांगो, कि यदि २००२ के मोदी के शासन में हुए दंगो के लिए कथित रूप से मोदी जिम्मेदार है, फिर उससे पहले कांग्रेस के शासनकाल में जो दंगे हुए थे, उनके लिए कौन जिम्मेदार है और उनके दोषिओं में से आजतक कितनो को सजा हुई ?



कांग्रेश की सबसे बड़ी मुसीबत ये है की समजोता एक्षप्रेस , माले गाव ब्लास्ट में हिन्दुओ को फ़साने के बाद साबुत बिलकुल नहीं मिल रहे है , कहते है मेजर पुरोहित ने ब्लास्ट किया और आर. दी. एक्ष .सेना से लाये !! सेना का कहना है की आर . डी . एक्ष . भारतीय सेना में नहीं होता है .

हेडली की पत्नी ने लिखित बयान दिया है की समजोता ब्लास्ट मामले में और मालेगांव मामले में उसके पति का हाथ है , अब भारत सरकार इस केस को ना उगल सकती है ना निगल सकती ----------- आई.बी. प्रमुख

Wednesday, July 24, 2013

American agent मनमोहन सिंह

भारत की कोई कंपनी 1 करोड़ रुपए लेकर नेपाल जाती हैं !

वहाँ एक फैक्ट्री लागती हैं !

नेपाल के 100 लोग उसमे काम करते हैं !!
एक साल बाद हमारी कंपनी नेपाल मे 11 करोड़ रूपये कमाती है !!

और मान लो 11 करोड़ मे से वो 1 करोड़ रूपये के वेतन काम करने वालों को बाँट देती है !

और मान लो 1 करोड़ रूपये का ही नेपाल की सरकार tax दे देती है !

और बाकी बचे 9 करोड़ रूपये net profit भारत ले आती है !! तो फाइदा नेपाल को हो रहा है या भारत को ??????
एक अनपढ़ आदमी भी समझ जाएगा कि फायदा सिर्फ भारत को हो रहा है ! नेपाल का पैसा भारत जा रहा है!

लेकिन American agent मनमोहन सिंह कहता है walmart के आने से भारत को फायदा होगा !





कांग्रेसियो के पिताजी क्वात्रोची के इतिहास पर एक नजर

कांग्रेसियो के पिताजी क्वात्रोची के इतिहास पर एक नजर :-



--16 अप्रैल 1987: स्वीडिश रेडियो ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया। घोटाले में मार्टिन आर्दबो, हिंदुजा ब्रदर्स और विन चड्ढा भी आरोपी हैं।

--22 अक्तूबर, 1999: सीबीआई ने क्वात्रोच्चि के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।

--4 नवंबर, 1999: ट्रायल कोर्ट ने क्वात्रोच्चि के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।

--20 दिसंबर, 2000: मलयेशिया में क्वात्रोच्चि गिरफ्तार। मलयेशिया की अदालत ने क्वात्रोच्चि को भारत को प्रत्यर्पित करने से इंकार किया, बाद में वहां से रिहा कर दिया गया।

--25 मई, 2001: स्पेशल जज ने क्वात्रोच्चि का मुकदमा बाकी आरोपियों से अलग किया।

--25 मई, 2003: लंदन में क्वात्रोच्चि के दो खातों में 10 लाख यूएस डॉलर और 30 लाख यूरो मिले।

--31 मार्च, 2004: मलयेशिया की अदालत ने क्वात्रोच्चि के प्रत्यर्पण का अनुरोध ठुकराया।

--25 अगस्त, 2005: सीबीआई ने अपनी वेबसाइट पर क्वात्रोच्चि की तस्वीर जारी की।

--22 दिसंबर, 2005: एडिशनल सॉलिसिटर जनरल क्वात्रोच्चि के खाते सील करने पर वार्ता के लिए लंदन में अफसरों से मिले।

--11 जनवरी, 2006: सीबीआई ने ब्रिटिश अधिकारियों से कहा उसके पास कोई प्रमाण नहीं है, जिसके आधार पर ओतावियो क्वात्रोच्चि के दो बैंक खातों में जमा तीस लाख यूरो और 10 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम का संबंध बोफोर्स तोप सौदे की दलाली से साबित करे।

--12 जनवरी, 2006: क्वात्रोच्चि के खातों को क्लीन चिट देने के सरकार के कदम के खिलाफ अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई।

--13 जनवरी, 2006: केंद्र सरकार के कदम को चुनौती देने वाली अजय अग्रवाल की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार। कोर्ट ने इस संबंध में सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने का निर्देश दिया।

--15 जनवरी, 2006: क्वात्रोच्चि के दोनों खातों पर लगी रोक लंदन हाई कोर्ट ने हटाई। (भारत के सॉलिसिटर जनरल द्वारा ब्रिटेन के क्राउन प्रॉसीक्यूशन को क्वात्रोच्चि के खिलाफ सुबूत नहीं मिलने की जानकारी के बाद यह रोक हटाई।)

गौरतलब है की क्वात्रोची के बैंक खातो पर लगी रोक हटाने के लिए क्वात्रोची ने कोई मेहनत नही किया बल्कि भारत सरकार ने खुद अपने तत्कालीन कानून मंत्री हंसराज भरद्वाज को लन्दन भेज कर ब्रिटिश कोर्ट को बताया की क्वात्रोची एक संत महात्मा है उन्होंने कोई अपराध नही किया है इसलिए भारत सरकार दरखास्त करती है की माननीय क्वात्रोची जी के बैंक खातो पर लगी रोक हटाई जाये |

ये पूरी प्रक्रिया एकदम गुप्त रखी गयी थी ... जैसे ही क्वात्रोची के खातो से रोक हटी उसने एक मिनट के भीतर अपने तीनो बैंक खातो से बीस करोड़ डालर अपने बेटे के खाते में ट्रांसफर कर दिए ... जब भारत की सुप्रीमकोर्ट को पता चला तब उसने भारत सरकार को नोटिस दिया तब भारत सरकार ने कहा की उसके खातो में एक पाई भी नही है ..

बाद में लन्दन के अख़बार मिरर ने खुलासा किया की भारत सरकार के कानूनमंत्री खुद २० दिनों तक लन्दन में रुक क्र क्वात्रोची के खातो से रोक हटवाई थी


--16 जनवरी, 2006: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर क्वात्रोच्चि के खाते से लेन-देन नहीं होने के लिए जरूर कदम उठाने का निर्देश दिया।
सीबीआई मुझसे इटली में पूछताछ करे, गांधी परिवार के खिलाफ अभियान का शिकार हूं: क्वात्रोच्चि (फोन पर एक संवाद एजेंसी से कहा।)

--20 जनवरी, 2006: सरकार द्वारा क्वात्रोच्चि को क्लीन चिट दिये जाने के मामले में एनडीए प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से मिला और एक ज्ञापन सौंपा।

--23 जनवरी, 2006: क्वात्रोच्चि के खातों के तार स्विट्जरलैंड से जुड़े या नहीं इसकी जांच के लिए सीबीआई ने वहां जाने के लिए गृहमंत्रालय से अनुमति देने की गुजारिश की।

--6 फरवरी, 2007: क्वात्रोच्चि को अर्जेंटीना के इगुआजो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया।

--23 फरवरी, 2007: क्वात्रोच्चि को अर्जेंटीना सरकार ने जमानत दी।

--26 फरवरी, 2007: सीबीआई को जब तक गिरफ्तारी की खबर मिली, अर्जेंटीना सरकार उसे रिहा भी कर चुकी थी।

--8 मार्च, 2007: सीबीआई ने क्वात्रोच्चि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सफाई पेश करते हुए कहा कि उस पर लगाए गए आरोप निराधार है और उसने कोर्ट से कोई सूचना नहीं छुपाई थी।
सीबीआई ने कहा कि क्वात्रोच्चि की 23 फरवरी को हुई जमानत के बारे में उसे पहले से कोई जानकारी नहीं थी। ब्यूरो को इस बात की जानकारी 26 फरवरी को मिली थी।

--23 मार्च, 2007: अर्जेंटीना के कोर्ट में क्वात्रोच्चि ने अपने भारत प्रत्यर्पण का पुरजोर विरोध किया।

--13 अप्रैल, 2007: क्वात्रोच्चि के प्रत्यर्पण के मामले में सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में सीबीआई ने क्वात्रोच्चि की सही पहचान का दावा किया।

--8 जून, 2007: अदालत ने क्वात्रोच्चि की अर्जेंटीना में गिरफ्तारी से संबंधित मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा।

--9 जून, 2007: अर्जेंटीना की एक अदालत ने क्वात्रोच्चि को भारत प्रत्यर्पित करने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया। सीबीआई की क्वात्रोच्चि का भारत लाने की मुहिम को बड़ा झटका लगा।

--12 जून, 2007: क्वात्रोच्चि मामले में सीबीआई को एक और झटका लगा जब अर्जेंटीना की अदालत ने अभियोजन पक्ष को ओतावियो क्वात्राकी को मुकदमे का खर्च अदा करने का आदेश दिया।

--15 अगस्त, 2007: 6 फरवरी को अर्जेंटीना में गिरफ्तार क्वात्रोच्चि इटली रवाना, सीबीआई फिर प्रत्यर्पण कराने में विफल रही।

--18 अगस्त, 2007: क्वात्रोच्चि के प्रत्यर्पण के लिए किए गए सरकार और सीबीआई के प्रयासों से संबंधित सारे दस्तावेज पेश कराने हेतु वकील अजय अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर किया।

--3 नवंबर, 2007: अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट में कहा कि जब भी कोर्ट क्वात्राकी के बारे में आदेश देता है, हमें विदेशी अदालतों में मुंह की खानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि कोर्ट कोई आदेश न दे क्योंकि उनका पालन करवाना असंभव है।

--28 अप्रैल, 2009: क्वात्रोच्चि का नाम वांछित लोगों की सीबीआई की सूची से हटाया गया। इसके साथ ही सीबीआई के अनुरोध के बाद इंटरपोल ने क्वात्रोच्चि का नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटा दिया।

--26 अगस्त, 2010: सीबीआई ने सीएमएम कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि क्वात्रोच्चि के खिलाफ कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं। लिहाजा उनके खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई बंद कर देनी चाहिए। अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की है। जबकि तीस हजारी अदालत स्थित मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कावेरी बावेजा की अदालत में अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने एक बार फिर से अर्जी देकर कहा है कि मामला बंद नहीं करना चाहिए।

--4 जनवरी, 2011: बोफोर्स दलाली मामले में इटली के व्यापारी ओतावियो क्वात्रोच्चि के खिलाफ मामला बंद करने के लिए दबाव बनाते हुए सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत में कहा कि इनकम टैक्स अपीली ट्रिब्युनल के आदेश में कुछ भी नया नहीं है। तीस हजारी कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विनोद यादव की अदालत में सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीपी मल्होत्रा ने कहा कि मामले में केस बंद करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है।

ये राजबब्बर जो आज कांग्रेसी बनकर








ये राजबब्बर जो आज कांग्रेसी बनकर गाँधी खानदान के तलवे चाट रहा है... एक जमाने में जब ये सपा में था तब इसी कांग्रेस को जी भरकर कोसा करता था ... कांग्रेस को नीच, भ्रष्ट, चमचो की जमात, भ्रष्टाचार की गंगोत्री कहा करता था .. आगरा में एक सभा में इसने कहा था की किसी भी कांग्रेसी का पैजामा खोलकर देख लीजिये.. आपको एक दूम जरुर दिखेगी जो कांग्रेसी होने का प्राकृतिक पहचान है क्योकि बिना दूम हिलाए कोई कांग्रेसी नही हो सकता |

फिर जब मुलायम ने इसे लातमारकर भगाया तो ये कुछ दिनों तक वीपी सिंह के साथ रहा .. और उस वक्त एक पत्रकार ने इससे सवाल पूछा था की वीपी सिंह की तबियत तो खराब रहती है फिर आप अपने भविष्य के लिए किस पार्टी में जायेंगे .. तो इस दोगले ने जबाब दिया था की मै कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जाना या फिर राजनीती से सन्यास लेकर वापस फ़िल्मी दुनिया में जाना पसंद करूंगा क्योकि मै सच्चा लोहियावादी हूँ और मैं अपने जीवन में यदि किसी के विचारो को आत्मसात किया है तो वो है लोकनायक जय प्रकाश नारायण ..जो अधिनायकवाद के खिलाफ थे और कांग्रेस में तो सिर्फ अधिनायकवाद है एक ही खानदान १०० सालो से इस पार्टी को चला रहा है और मेरे जैसा स्वाभिमानी इन्सान कभी कांग्रेस में शामिल होना तो दूर शामिल होने की सोच नही नही सकता |

और मित्रो, आज देखिये ... ये दोगला राजबब्बर उसी कांग्रेस का प्रवक्ता बना है जिस कांग्रेस को इसने पूरी जिन्दगी गाली दी ... और तो और खुद नीच नकली गांधियो को भी शर्म नही आई की जिस व्यक्ति ने पूरी जिन्दगी इन्हें गाली दिया ये उसी को थूककर चाट रहे है |




हरियाणा सरकार के द्वारा किसानो के मुंह पर

राहुल जी ... कभी कोकेन का नशा उतरे तो जरा अपनी प्यारी हरियाणा सरकार के द्वारा किसानो के मुंह पर मारे गये इस तमाचे को भी देख लेना ..

हलांकि पुरे देश को मालूम है की आप हरियाणा सरकार के इस कदम की तारीफ ही करेंगे क्योकि हुड्डा सरकार ने अपने नीच, लम्पट और भ्रष्ट बहनोई को हजारो एकड़ जमीन मुफ्त में दे दी है |

मित्रो, २००९ में बाढ़ से हरियाणा में किसानो की हजारो एकड़ फसल बर्बाद हो गयी ..पुरे पांच सालो में बाद कांग्रेस की सरकार ने किसानो को मुवावजा भी दिया तो सिर्फ एक रूपये, दो रूपये .. और सबसे ज्यादा मुवावजा छह रूपये का दिया गया है |

एक तरफ नीच कांग्रेसी अपने आपको किसानो का हितैषी कहते है ..गुजरात में किसान किसान कहकर हर रोज अपनी छाती कूटते है और दूसरी तरफ इनकी सरकारे खुलेआम किसानो के मुंह पर तमाचा मारती है |

मजे की बात ये की आज कुछ अख़बार वाले जब किसानो के पास चेक का फोटोकॉपी मांगे तो किसानो ने कहा की आप असली चेक ही ले लो ..क्योकि एक रूपये के चेक का फोटोकॉपी करने में भी एक रूपये लगेंगे |


Tuesday, July 23, 2013

शकील अहमद की छुठ पकड़ी गई


दोस्तोँ,,
कोँग्रेस परवक्ता शकील अहमद की छुठ पकड़ी गई. शकील अहमद ने कल कहा था NIA कि जाँच रिपोर्ट के अनुसार INDIAN MUZAHIDEEN का गठन 2002 दंग्गे के बाद हुआ था !
जबकी NIA का गठन 2009 मेँ हुआ और NIA ने कभी 2002 दंग्गे की जाँच नही की !
NIA की MEDIA Manager ने ऐसी किसी भी जाँच से इनकार कर दिया हैँ !
फिर तो सवाल ये हैँ कि ये बात शकील अहमद को कैसे मालुम ??
दोस्तो मैँ बता दुँ शकील अहमद बिहार के मधुबनी जिले से आते हैँ,,
और हाल ही मेँ INDIAN MUZAHIDEEN के कई आतंकवादी मधुबनी जिले से पकड़े गये थे,,
और अब सवाल ये हैँ कि शकील अहमद को ये बात कैसे पता इसकी जाँच होना अभी बाकी हैँ,,
और INDIAN MUZAHIDEEN मेँ शकील अहमद की क्या भुमिका हैँ??
मधुबनी जिले मेँ पकड़े गए आतंकवादियोँ मेँ शकिल अहमद की क्या भुमिका हैँ??
शकील अहमद के इलाके मेँ ये आतंकवादी क्योँ छिपे थे और क्या कर रहे थे ??
कितने दिनोँ से वहाँ रह रहे थे इतने सारे सवाल से घिर गए हैँ शकील अहमद !
इन सब से कोँग्रेस इतना डर गई कही हैँ कि जनता के सामने कोँग्रेस और आतंकवादियोँ के संबंध का सच सामने ना आ जाए इस बात से राहुल अपने सभी परवक्ताओँ से खफा हो कर अपने सभी परवक्ताओँ को जुबान संभाल कर बोलने कि हिदायत दे डाली!!!


http://timesofindia.indiatimes.com/india/Shakeel-Ahmeds-remark-Rahul-warns-party-men-Jaitley-says-Congress-painting-IM-as-riot-victim/articleshow/21245300.cms?

Wednesday, July 10, 2013

चुनाव से पहेले एक छोटा युद्ध करवा सकती है कोंग्रेस.



विदेश मंत्री सलमान खुर्दिश और रक्षामंत्री एके एंटनी ने चीन जाके के बैठक करके लोंटे है.
ये सब चुनाव के समय ही क्यों हो रहा है ?
२०१४ के चुनाव से पहेले एक छोटा युद्ध करवा सकती है कोंग्रेस.
ये कोंग्रेस है ! सत्ता के लिए देश को बरबाद कर देंगी.
अभीतक उत्तराखंड के विनाश की सच्चाई क्या है वे सामने नहीं आई ! क्यों ?
अगर समय रहेते जनता जागे गी नहीं तो फिर एक उत्तराखंड जेसा
विनाश निश्चित है.

Sunday, July 7, 2013

माओवादी नक्सली हमारे भाई है



माओवादी नक्सली हमारे भाई है ऐसा कह कर कांग्रेस ने सच्चाई सामने ला ही दी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी भक्त चरणदास का यह बयान राज्य से लेकर केंद्र तक नक्सल हमदर्दी का सूचक है एक तरफ कांग्रेस के महासचिव दिग्गी लश्कर आतंकी इशरत को बेटी कहते है वही दूसरी तरफ प्रभारी नक्सलियों को अपना भाई कहते है आतंकियों नक्सलियों के प्रति इनका प्यार पीड़ा अनायास ही उत्त्पन नहीं होती रही है ओसामा जी से लेकर दाउद जी सभी इनके लिए सम्मान के पात्र रहे है ऐसे में जिनके परिजन इस कलश यात्रा में सम्मिलित हुए है या हो रहे है उन्हें भी सोचना चाहिए की कही वे अनजाने में गलत लोगो जो की नक्सलियों के प्रति भाई जैसा प्यार रखते है उनके हाथ मजबूत तो नहीं कर रहे है ....

Saturday, July 6, 2013

ये सरकार पाकिस्तान को गैस देगी

"घर में नहीं खाने को अम्मा चली भुनाने को"
मित्रो ये कांग्रेसी सरकार इस देश को पूरा बर्बाद करके ही मानेगी।
अपने देश में वैसे ही गैस की कमी है और ये सरकार पाकिस्तान को गैस देगी।
कभी बिजली देती है कभी पैसे देती है। लेकिन अपने देश की जनता के लिए इसके पास एक धेला भी नहीं है।


कांग्रेसियों की धूर्तता की पराकाष्ठा

कांग्रेसियों की धूर्तता की पराकाष्ठा पर एक खबर ...............!!!

उतराखंड के कांग्रेसियों ने वोटरों में बांट दी राहत सामग्री......

उत्तराखंड में आई आपदा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब 100 ट्रक राहत सामग्री दिल्ली से रवाना की तो इसके साथ ऐसा कोई आदेश चस्पा नहीं था कि यह राहत केवल उन्हें दी जाए जो पार्टी के वोटर हैं।

अब इसे रुद्रप्रयाग के कांग्रेसियों धूर्तता ही कहा जा सकत है कि उन्होंने राहत वहां बंटवा दी, जहां आपदा आई ही नहीं। उत्तराखण्ड के चमोली के थराली में भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं की जहां एक तरफ हजारों लोग राहत को तरस रहे हैं और दूसरी तरफ प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस अपनों पर करम कर रही है। इसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वोट बैंक को पक्का करने का जरिया समझें या कुछ और, लेकिन रुद्रप्रयाग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को ऐसे दलित तबके के लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा दी, जो आपदा प्रभावित हैं ही नहीं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में पार्टी के इस कदम के तमाम निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने राहत सामग्री को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भेजने के बजाय मुख्यालय में बनाए गए गोदामों में बंद किया हुआ है।

माना जा रहा कि इसका इस्तेमाल भी वोट बैंक को सहेजने के लिए ही किया जाएगा। पूरी तरह तबाह हो चुकी केदारघाटी के गौरीगांव, त्रियुगीनारायण, गुप्तकाशी, फाटा, चंद्रापुरी, अगस्त्यमुनि, विजयनगर समेत कई क्षेत्रों में अभी तक राशन नहीं पहुंच पाया है। पीड़ित लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं। इस पूरे मामले में कांग्रस के जिला प्रवक्ता सत्येंद्र बत्र्वाल ने कोई जानकारी होने से इन्कार किया। उनका कहना है कि सड़क खुलने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जाएगी।

Thursday, July 4, 2013

कांग्रेस सरकार किसी विदेशी को शरण देने में भी कितना दोगलापन

केंद्र की कांग्रेस सरकार किसी विदेशी को शरण देने में भी कितना दोगलापन और वोटबैंक का गुणाभाग लगाकर ही फैसला लेती है ...

तालिबान से डरकर अफगानिस्तान के चालीस नेताओ ने अपने परिवार के साथ भारत में शरण मांगी .. उनमें डा अब्दुला अब्दुला, नजीबुल्लाह के सात भाई और उनके परिवार के लोग ..अहमद शाह मसूद का पूरा परिवार, हिकमतयार का पूरा परिवार, आदि प्रमुख थे ...

भारत सरकार ने इन्हें न सिर्फ तुरंत शरण दिया बल्कि इनको लेने के लिए अपना विशेष विमान हेरात, और काबुल रवाना कर दिया था ...

मध्य पूर्व का सबसे बड़ा आतंकवादी यासिर अराफात को जब छींक भी आती थी तब वो भागकर इंदिरा गाँधी और बाद में राजीव गाँधी के पास आता था ..उसको सफर करने के लिए इंदिरा गाँधी ने उसे एक बोईंग विमान गिफ्ट में दिया था .. फिर बाद में राजीव गाँधी ने उसे इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से नवाजा जिसमे उसको उस जमाने में १० करोड़ रूपये नगद दिए गये थे |

मजे की बात ये की फिलिस्तीन को सबसे पहले राष्ट्र की मंजूरी देने वाल देश न सउदी अरब था और न पाकिस्तान ..बल्कि भारत ने सबसे पहले फिलीस्तीन को राष्ट्र की मंजूरी दी .. और यासिर अराफात जब आतकंवादी था तब भी उसे भारत ने एक राष्ट्रप्रमुख का दर्जा दिया था ...

डा अब्दुला अब्दुल्ला की दोनों बेटियों को भारत सरकार ने विदेशी कोटे से एम्स में एमबीबीएस में दाखिला दिया था ... उनको जोरबाग में एक आलिशान सरकारी बंगला एलाट हुआ था ...

और देखिये ... जब स्नोडेन और तसलीमा भारत से शरण मांगते है तो भारत की नीच और दोगली सरकार उनको शरण देने से मना कर देती है |

और तो और भारत में ही पैदा हुए और भारत के मूल नागरिक सलमान रश्दी को भी भारत अपने यहाँ शरण नही देता ..

Wednesday, July 3, 2013

आपदा पर कोई राजनीति ना करे


फिर भी कांग्रेसी निर्लज्जता से कहते हैं कि आपदा पर कोई राजनीति ना करे.!!
लानत है इस कमीनेपन पर.!!

Tuesday, July 2, 2013

राष्ट्रपिता या ऐय्याश?

राष्ट्रपिता या ऐय्याश?

इण्डिया टूडे में यह लेख पढने के बाद मैंने
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता अस्वीकार कर
दिया, और आपने ?
या तो इण्डिया टूडे को झून्ठा साबित

करो या करमचन्द्र गाँधी को राष्ट्रपिता की पदवी से हटाओ .....
यह है वो लेख ....
१५ साल की उम्र में गाँधी जी वेश्या की चोखट
से हिम्मत न जुटा पाने के कारण वापस लौट
आये .१६ साल की उम्र में पत्नी से सम्भोग
की इच्छा से मुक्त नहीं हो पाए जब उनके पिता मृत्यु शैया पर थे .२१ साल की उम्र में
फिर उनका मन पराई स्त्री को देखकर
विकारग्रस्त होता है .२८ साल की उम्र में
हब्सी स्त्री के पास जाते है लेकिन शर्मसार
होकर वापिस आ जाते है .३१ साल की उम्र में
१ बच्चे के पिता बन जाते है .४० साल की उम्र में अपने दोस्त हेनरी पोलक की पत्नी के साथ
आत्मीयता महसूस करते है ,४१ साल की उम्र में
मोड नाम की लड़की से प्रभवित होते है .४८
की उम्र में २२ साल की एस्थर फेरिंग के
मोहजाल में फंस जाते है .५१ की उम्र में ४८ साल
की सरला देवी चोधरानी के प्रेम में पड़तेहै .५६ की उम्र में ३३ साल की मेडलिन स्लेड के प्रेम
में फंसते है .६० की उम्र में १८ साल
की महाराष्ट्रियन प्रेमा के माया जाल में फंस
जाते है .६४ की उम्र में २४ साल
की अमेरिकाकी नीला नागिनी के संपर्क में
आते है .६५ की उम्र में ३५ साल की जर्मन महिला मार्गरेट स्पीगल को कपडे
पहननासिखाते है .६९ की उम्र में १८ साल
की डॉक्टर शुशीला नैयर से नग्न होकर
मालिश करते है.७२ की उम्र में बाल
विधवा लीलावती आसर,पटियाला के बड़े
जमींदार की बेटी अम्तुस्स्लाम ,कपूरथला खानदान
की राजकुमारी अमृत कौर तथा मशहूर
समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण
की पत्नी प्रभावती जैसी महिलाओ के
साथसोते है .७६ की उम्र में १६ साल
की आभा .वीणा और कंचन नाम की युवतिओं को नग्न होने को कहते है . जिस पर ये
लडकिया कहती है की उन्हें ब्रह्मचर्य
केबजाय सम्भोग की जरूरत है .७७ की उम्र मे
महात्मा गाँधी अपनी पोती मनु की साथ
नोआखाली की सर्द रातें शरीर को गर्म रखने
के लिए नग्न सोकर गुजारते है . और७९ के गाँधी जी महात्मा जीवन के अंतिम
क्षणों तक आभा और मनु के साथ एक साथ
बिस्तर पर सोते है………………….आपको इनके
बारे मे क्या कहना है?

लिंक:= http://indiatoday.intoday.in/story/mahatma-gandhi-experiment-sexuality-manuben-discovered-diarie
s/1/278952.html