Thursday, August 29, 2013

मुंबईगैंग रेप के सभी आरोपी बांग्लादेशी हैं


मुंबई मे बलात्कार हुआ....सभी बलात्कारी मुस्लिम थे....इतनी तक न्यूज़ मिली हमे.....लेकिन इसके पीछे की न्यूज़ को बड़े ही शातिराना तरीके से हमारी इस सरकार ने दबा दिया

वो ये खबर है की #मुंबईगैंग रेप के सभी आरोपी #बांग्लादेशी हैं जिन्हे मुसलमान होने के चलते कॉंग्रेस सरकार ने भारतीय नागरिकता के सारे पेपर दे कर इन बांग्लादेशियों को भारतीय बना कर हमारे ऊपर अपराधों को झेलने के लिए थोप दिया।

आज देश मे जहां कहीं भी अपराध हो रहे हैं या फिर बलात्कार हो रहे हैं या बम फुट रहे हैं ये सभी बांग्लादेशी मुसलमानों का कार्य है। ये आराम से आसाम और बंगाल के रास्ते वहाँ से भारतीय नागरिक होने के पेपर लेकर बिहार पहुँचते हैं। फिर बिहार से ये पूरे देश मे फैल रहे हैं और अपराध पर अपराध किए जा रहे हैं।लेकिन ये हमारी केंद्र सरकार है जो इन बांग्लादेशी अपराधियों को अपने सिने से चिपकाए उनको भारतीय नागरिकता थोक के भाव मे प्रदान कर रही है।

क्या एक बार भी मुंबई बलात्कार के मामले मे महाराष्ट्र या दिल्ली की केंद्र सरकार ने कहा की ये बलात्कार के आरोपी किस देश या प्रदेश के हैं? नहीं क्यूंकी ये सभी कुकर्मी राक्षस बांग्लादेशी हैं। जिनको वीजा नहीं बल्कि भारतीय नागरिकता दी है केंद्र सरकार ताकि इस केंद्र मे बैठी देशद्रोही कॉंग्रेस सरकार का वोट बैंक बढ़े। इस कॉंग्रेस को हम नागरिकों की सुरक्षा या किसी चीज से कोई सरोकार नहीं है यहाँ तक की देश बेचे जाने और बलात्कारियों एवं आतंकियों को देश मे पालने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है.....इसको सिर्फ एक चीज चाहिए वोट चाहे जैसे मिले।

ये बात मुंबई मे शिवसेना एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हमेसा उठाती रही है लेकिन उसको क्षेत्रीय राजनीति का हवाला दे कर और मीडिया के द्वारा बदनाम कर कॉंग्रेस सरकार अपना उल्लू सीधा करती है। जबकि सच्चाई ये है की मुंबई मे रहने वाले बांग्लादेशी मुस्लिमों के पास उत्तर प्रदेश एवं बिहार का परिचय पत्र है और ये सारे परिचय पत्र कॉंग्रेस द्वारा समूहिक रूप से वितरित किए हुए हैं।

इस सच्चाई को अंगीकार कर #एनडीए की पार्टियां तो उठाती हैं परंतु #कॉंग्रेस समर्थित सभी पार्टियां चुप्पी साध लेती हैं यहाँ तक की इस मुद्दे पर नए नवेले नेता #केजरीवाल जी भी चुप्पी साधे बैठे हैं। आखिर #केजरीवाल जी कैसे बोल सकते हैं बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ। केजरीवाल को तो मुस्लिम तुष्टीकरण कर वोट बैंक बनाना है। जो #केजरीवाल कोर्ट द्वारा साबित भगोड़े और खुल्ले मे खुद को पाकिस्तान परस्त कहने वाले #बुखारी के कहने मात्र से वन्देमातरम एवं भारतमाता की तस्वीर को मंच से दूर कर सकता है वो कभी बांग्लादेशी अपराधियों के खिलाफ बोलेगा। लेकिन यही बात एनडीए समर्थित पार्टियां कह दें तो तुरंत दोषारोपण शुरू होगा की एनडीए (भाजपा) मुस्लिम विरोधी पार्टी है।

ये देशद्रोही कोंग्रेसी देश को बेच खाने का पूरा इंतजाम एवं बांग्लादेश से आतंकवादियों को बुला कर देश को धमाके एवं अपराध के परमाणु बम पर बैठाने का पूरा बंदोबस्त कर के बैठे हैं और इसमे #कॉंग्रेस का समर्थन सभी क्षेत्रीय पार्टियां एवं #केजरीवाल भी कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश के कांग्रेसी....इनको मूर्ख कहें या ढक्कन

Wednesday, August 28, 2013

सोनिया गाँधी का ब्लैकबेरी मोबाइल किसी ने चुरा लिया

पता चला है की तबियत खराब होने पर अस्पताल ले जाने की अफरा तफरी में सोनिया गाँधी का ब्लैकबेरी मोबाइल किसी ने चुरा लिया ... एसपीजी और एनएसजी पूरी सिद्दत से उसे खोज रही है और अभी एफआईआर दर्ज नही करवाई गयी है |

अब कुछ सवाल मन में उठाना स्वाभाविक है :=

१- देश के गृहमंत्री संसद में बयान दे चुके है की ब्लैकबेरी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है क्योकि इसका सर्वर कनाडा में है और इसके डेटा पर नजर नही रखी जा सकती |

२- दुनिया के सभी कार्पोरेट्स, माफिया, आतंकी, और कालेधन की हेराफेरी करने वाले लोग ब्लैकबेरी यूज करते है क्योकि इसकी मानीटरिंग भारत सरकार नही कर सकती |

३- भारत सरकार के द्वारा बार बार भारत में ही सर्वर लगाने का आदेश दिए जाने पर भी ब्लैकबेरी ने मना कर दिया और कहा की वो भारत छोड़ देगी लेकिन अपने कस्टमर की गोपनीयता पर आंच नही आने देगी

४- सोनिया गाँधी का मोबाइल वही चुरा सकता है जिसकी हैसियत सोनिया गांन्धी के नजदीक जाने की हो उस दिन आठ केन्द्रीय मंत्री, प्रधानमन्त्री, जनार्दन द्विवेदी, राबर्ट बढेरा, प्रियंका, राहुल, मोतीलाल वोरा सोनिया गाँधी के पास गये थे ..तो इसमें से चोर कौन हो सकता है ??

५-सोनिया गाँधी का मोबाईल चुराने के पीछे चोर का मकसद क्या हो सकता है ??

६-खुद एसपीजी कह रही है की वो मोबाइल कीमती नही है लेकिन उसके डाटा बहुत कीमती है ...तो आखिर सोनिया जी के पास कौन सा कीमती डाटा है ??

७-सब जानते है की राजीव गाँधी के मरने के बाद उनके स्विस बैंक में पड़े कालेधन की वारिस सोनिया है तो क्या सोनिया गाँधी इसलिए ऐसी मोबाईल की सेवाए ले रही है जिसका सर्वर विदेश में है जिससे उनके उपर किसी भी एजेंसी को शक नही होने पाए ??

८- जब देश का गृहमंत्री ब्लैकबेरी को खरतनाक बना रहा है तो सोनिया जी खुद ब्लैकबेरी क्यों इस्तेमाल कर रही है ?

९- सोनिया गाँधी का मोबाईल गुपचुप तरीके से क्यों खोजा जा रहा है ?? क्यों नही पुलिस में केस दर्ज करवाया जा रहा है ??

Tuesday, August 20, 2013

65 सालों का एक ऐसा भयानक सच .......जो आपके होश उड़ा देगा

65 सालों का एक ऐसा भयानक सच .......जो आपके होश उड़ा देगा 

ऐसा क्या है कोंग्रेस में कि आजादी 65 सालों तक उसी की सरकारे (चाहे राज्य में हों या केंद्र में ) अधिकाश बनती है ... ( और यह कडवा सच है की आगे भी उसी की बनती रहेंगी ) जबकि जनता त्राहिमान - त्राहिमान भी उसी के शासन में करती हैं ...सबसे ज्यादा दंगे भी उसी के शासन काल में होते रहे है .....यह मैं नहीं सरकारी आंकड़े और इतिहास बताता है ................

.आईये नजर डालते है ......कोंग्रेस की सत्ता से चिपके रहने की गन्दी राजनीती की दास्ताँ की कडवी सच्चाई पर ....

ध्यान से पढ़ें और समझने की कोशिश करें ........

वर्तमान में भारत की जनसँख्या 125 करोड़ के लगभग है ..

औसतन हर राज्य में धर्म के आधार पर जनसँख्या का भाग 15% मुस्लिम , 8% क्रिस्चियन , और 7 % अन्य है यानि हिन्दुओं को छोड़कर 30 % प्रतिशत गैर हिन्दू है , और हिन्दू 70% है .
साधारण शब्दों में हर 100 व्यक्तियों में , 70 हिन्दू , 15 मुसलमान , 8 ईसाई , और 7 अन्य धर्म के लोग हैं ,

अब देखिये चुनाव सूचि यानि की वोटर लिस्ट में 90 % मुसलमान है . 90 % ईसाई है , 90% अन्य दर्ज है ...जबकि हिन्दू मात्र 42 प्रतिशत है

अब एक दिलचस्प पहलू पर नजर डाले -
मुस्लिम ईसाई और अन्य ( हिन्दुओं को छोड़कर ) सबके पार वोटर आई कार्ड होते है .इनके वोटर कार्ड सरकार जल्दी बनवाती है ..फर्जी भी बनवाती है ( बांग्लादेशियों के बारे में रिपोर्ट है की अकेले उत्तरी भारत में साढ़े चार करोड़ अवैध बंगलादेशी मुस्लिमो को कोंग्रेस सरकार में राशन कार्ड और वोटर कार्ड बनवा कर दिए है ) जबकि हिन्दुओं के बारे में पूरी तरह ढिलाई बरती जाती है , अर्थात अनदेखी की जाती है ( अपने ही मुल्क कश्मीर के हिन्दू जब मुस्लिम अत्याचार के मारे अपना घर बार छोड़कर दिल्ली आते है तो उनके वोटर कार्ड नहीं बनाए जाते ...तो पकिस्तान से आये हिन्दुओं की तो आप बात ही छोड़ दें )

यानी अप्रत्यक्ष रूप से हिन्दुओं की संख्या को कम करना और अन्य धर्म के लोगों को प्रोत्साहन देना यह कोंग्रेस की नीति है ...

अब इससे होता क्या है ...
सरकारी दस्तावेजो में प्रत्येक 100 लोगों में वोट देने योग्य ---हिन्दू 42 % , मुसलमान 14 % ,ईसाई 7% अन्य 6% होते है , बाकियों का वोटर कार्ड नहीं होता ..यानि वह वोट नहीं दे सकते ...तो सबसे ज्यादा नुक्सान हिन्दुओं को हुआ ...जो की 28% कम हो गए ,

अब जब वोट देने की बारी जब आती है तो आधे हिन्दू यानि की 21 % ही वोट देने जाते है , जबकि मुसलमान 13% प्रतिशत , ईसाई 6% , अन्य 5 % वोट करते है

अर्थात कुल मिलकर जो वोटिंग का औसतन प्रतिशत होता है वह ...45 % होता है ..कहीं पर इससे कम और कहीं पर इससे ज्यादा होता है ..पर औसत 45% होता है ,

कहने का अर्थ है की यही 45% लोग भारतीय राजनीती की दिशा तय करते है ..इसमें हिन्दू 21% है जबकि मुसलमान और ईसाई 24 % हैं

.यानि की भारत में कोंग्रेस की नीति और सत्ता का यही गणित काम करता है ..और 65 सालों से हर जगह कारगार सिद्ध होता रहा है .

आईये अब देखते है की कुल जनसँख्या के 45 % वोट किस प्रकार किसे मिलते है

13 % प्रतिशत में से 10 % मुसलमान कोंग्रेस को वोट देते है
6% में से 5% ईसाई कोंग्रेस को वोट देते है ,
अन्य 5% में से 3% भी कोंग्रेस को वोट देते है

इसका अर्थ है की 45 % कुल वोटों में से 18% गैर हिन्दू वोट कोंग्रेस को मिलते है और BJP को 1% मुस्लिम और 1% अन्यों के कुल 2% वोट मिलते है

यानि की कुल 24% प्रतिशत गैर हिन्दू वोटों में से BJP को केवल 2% वोट मिलते है और कोंग्रेस को 18% मिलते है बाकि के 4% अन्य पार्टियों ( थर्ड फ्रंट)में बाँट जाते है

अब सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य तथ्य

अब आते है हिन्दुओं के 21% वोटों पर ---
हिन्दू 21% में से केवल 5% कोंग्रेस को , 10% बीजेपी को , और 6% अन्य को वोट देते है

अब परिणाम क्या होता है
किसके खाते में कुल कितने वोट आते है

कोंग्रेस के कुल मिलाकर 23% वोट होते है
बीजेपी के कुल मिलाकर 12% वोट वोट होते है
अन्य पार्टियां के कुल मिलाकर 9% वोट वोट होते है

यही कारण है कोंग्रेस को हिन्दू वोटों की चिंता नहीं होती , क्योंकि हिन्दू बहुत कम कोंग्रेस को वोट देते है ,,,,जबकि मुस्लिम और ईसाई सबसे ज्यादा वोट देते है ...यही इसके वोट बैंक है ,,,वह इन्ही की भलाई के लिए नीतियाँ बनती है ......

और एक कडवी सच्चाई यह भी है की जब जब मुस्लिम कोंग्रेस को वोट नहीं करते ...तब तब कोंग्रेस हारती है ...कोंग्रेस को हिन्दू वोटो से इतना असर नहीं पड़ता जितना की मुस्लिम औए ईसाई वोटों से पड़ता है ....इसीलिए कोंग्रेस दंगे करवाकर मुसलमानों को बहुसंख्यक हिन्दुओं का भय दिखाकर हमेशा से ही वोट हासिल करने की नीति पर चलती है ......दंगे होंगे तो मुस्लिम इकठा होगा ...इकठा होगा तो कोंग्रेस हिन्दुओं का हौवा खड़ा करेगी ,.....और मुस्लिम धर्मगुरु फतवा देंगे की काफिरों से लड़ने के लिए कोंग्रेस को वोट दो ......और कोंग्रेस को हर बार मुस्लिम वोट मिल जाते है .................और कोंग्रेस का यह फार्मूला हर बार 90% तक कामयाब होता रहा है ...और भविष्य में भी होता रहेगा ......

मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण मुस्लिम जनसँख्या बढ़ रही है . जवाहर लाल नेहरु के " हिन्दू कोड बिल : के कारण सन 1952 से ही कोंग्रेस हिन्दुओं की जनसँख्या कम और मुस्लिमों की जनसँख्या बढाने का प्रयास करती रही है ...और जब जब वह सत्ता में रही है यही नीतियाँ आगे बढ़ी है .....हिन्दू घटा है ...मुस्लिम और ईसाई बढ़ा है ......

अभी तक वह 15% मुसलमानों और 8% ईसाईयों के दम पर ही 70% हिन्दुओं को किनारे लगा कर बैठी है ..और कोई चिंता नहीं करती तो कल्पना कीजिये अगर मुसलमान औए ईसाई की जनसँख्या कुल मिलाकर 50% हो गयी ...तो ????

उस दिन मुग्लिस्तान का निर्माण हो जाएगा ...और हिन्दू की हालत कश्मीर के हिन्दुओं की तरह हो जायेगी
और कोंग्रेस अगर अगले 20 साल सत्ता के केंद्र में रही तो हमें यह दिन अपने इसी जन्म में देखने को मिल जाएगा ,,,

अब हम ऐसा क्या करें की कोंग्रेस की इस नीति को तोडा जाए ..ताकि हमारा अस्तित्व बचा रहे ...

1 . सबसे पहले हम सभी हिन्दुओं को अपने वोटर आई कार्ड बनवाने होंगे ,
जिससे हमारा वोटिंग प्रतिशत जो की अभी 42% है उसे 70% तक लाया जा सके .

2 . जल्दी से जल्दी अपना वोटर कार बनवाये और दुसरे हिन्दू भाईयों को बनवाने में मदद करें ,

3 . जिस दिन चुनाव हो उस दिन कोई और काम बाद में करें पहले वोटिंग बूथ पर जाकर वोट जरूर करें

4 . वोट हमेशा राष्ट्रीय देशभक्त जैसे नेता को दें , जैसा की नरेंदर मोदी जी हैं

मित्रो कोंग्रेस कभी भी नहीं चाहती की कोई ऐसा क़ानून बने जिससे सभी मतदाताओं का मत देना यानि चुनाव में भाग लेना जरूरी हो ..अर्थात( " मतदाता अनिवार्य क़ानून ) बने
क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो कोंग्रेस के मुस्लिम औए ईसाई वोटो के आगे हिन्दू वोट ज्यादा हो जायेंगे और वह सत्ता में नहीं आएगी ...

मित्रों ..हमारी माँ भारती ...आज सनातन धर्म के रसातल में पंहुच जाने पर बहुत पीड़ित है ...उसे आप सभी की जरूरत है ...यह आज आपसे खून नहीं मांग रही है ...न ही कोई पैसा मांग रही है ....यह आपसे बस इतनी अपील कर रही है की आप चुनाव के समय अपना कीमती वोट अवश्य दे ........
अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक दिन ( बहुत जल्दी ही ) मुस्लिम जेहाद की आग आपको और हमारे बच्चों को निंगल जायेगी ...........

( अगर इसे पढ़कर आपके दिल में संवेदना जगी हो तो इसे अपने मित्रों को अपने नाम से शेयर जरूर करें )

निवेदक आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा है की मेरी माँ भारती को बचा लो ....

असली वाला भारत निर्माण

अनर्थशास्त्री बन गये प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह आजकल तो इनका भाषण ही मार्केट गिरा देता है और डॉलर के मुकाबले रूपये को भी कमज़ोर कर देता है वाह

ये है असली वाला भारत निर्माण

क्या हालत की है देश की इन ६० वर्षीय काले काँग्रेसी शासन ने - बस और नहीं अब और नही .......!! 1925 में डॉलर सिर्फ 10 पैसे का था। 8 जुलाई 2013 को एक डॉलर 60.61 रुपए का दर्ज किया गया। ऐसा क्या हुआ कि पिछले 66 साल में हमारे रुपए में 6,000 फीसदी गिरावट आ चुकी है? जैसे-जैसे इन काले अंग्रेजो ने भारत को स्वार्थ सिद्धि करके -भ्रष्टाचार करके -विदेशीकरण करके भारत को विदेशी निर्भरता पर ला खड़ा किया वो दिन दूर नहीं जब ये आम आदमी को मंहगाई से ही मार डालेंगे -और नाम संघ और मोदी का लगायेंगे - हद है ऐसे लोगो की गिरवी/गुलामी सोच की ...मोदी न आये -भले ही लोग म़ेहगाई से लोग मर जाएँ - ये है इनकी मानसिक बीमारी या यूँ कहें मोदी जी की लोकप्रिय विकास-परक कार्यशैली का भय अथवा खुद की असफलता की कुंठा !!


जवाब है बढ़ता भुगतान असंतुलन,अव्यवस्थित प्रबंधन,चालू खाते का घाटा और मुद्रास्फीति का दबाव। 1947 में जब हम आजाद हुए, डॉलर एक रुपए का था। अर्थव्यवस्था सीमित थी। जरूरतें कम थीं। विदेशों पर निर्भरता न के बराबर थी और
जैसे-जैसे आयात बढ़ा, रुपए की तुलना में डॉलर मजबूत होता गया. जैसे-जैसे देश का विकास हुआ हम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर होते गए। आयात बढ़ा तो भुगतान में भी इजाफा हुआ, जो डॉलर में था। 1975 के बाद ऊर्जा की जरूरतें बढ़ीं। 1980 तक देश सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया। आयात-निर्यात में अंतर बढऩे लगा। डॉलर की मांग बढ़ती गई और मजबूती भी।

1947 में एक डॉलर एक रुपए का था
1990 में उदारीकरण के बाद डॉलर ढाई गुना तक बढ़ा
1947 अर्थव्यवस्था का आकार छोटा था। जरूरतें ज्यादा नहीं थीं। विदेश पर निर्भरता भी न के बराबर थी।
1952 औद्योगिकी और तकनीकी जरूरतों के लिए विदेश पर निर्भरता बढऩे लगी।
1990 अर्थव्यवस्था में खुलेपन की शुरुआत हुई। अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ने लगा।
2000 आयात बढ़ा। रुपए के मुकाबले डॉलर में ढाई गुना की जबर्दस्त वृद्धि हुई।
2012 हम ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में विदेश पर निर्भर हैं। यानी भारी आयात। डॉलर में बड़ा पेमेंट।
2012 हम ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में विदेश पर निर्भर हैं। यानी भारी आयात। डॉलर में बड़ा पेमेंट !! 

जेल मे बंद .मुस्लिम को क़ानूनी सहयता देगी कांग्रेस

जादा से जादा शेयर करे नीच कांग्रेस की हकीकत 

भारत को पाकिस्तान बनाने और अग्रसर कांग्रेस ....मुस्लिम प्रेम में बुरी तरह पागल हो चुकी है ये सरकार इस सरकार को भी मुल्ला सरकार की तरह मुस्लिम जो जेल मे बंद है निर्दोष है अब क़ानूनी सहयता देगी कांग्रेस 
http://aajtak.intoday.in/story/home-ministry-to-provide-legal-assistance-to-jailed-muslim-youth--1-739520.html

Friday, August 9, 2013

पीएम खुद आतंकवादियों से घिरे हुए हैं



कौन से आतंकवादी की निंदा करें पीएम वो खुद आतंकवादियों से घिरे हुए हैं

और उनके आजू बाजू ही आई एस आई के एजेंट और पाकिस्तान परस्त लोग रहते हैं

Sunday, August 4, 2013

साल १९९९ - रायबरेली में प्रियंका गाँधी


साल १९९९ का लोकसभा चुनाव ... रायबरेली मतविस्तार से बीजेपी के तरफ के राजीव गाँधी के चचेरे भाई और उनके सरकार में ताकतवर गृहमंत्री रहे अरुण नेहरु उम्मीदवार थे तो कांग्रेस के तरफ से राजीव गाँधी के साथ इंडियन एयरलाइन्स में पाइलट रहे कैप्टन सतीश शर्मा थे |

सारे सर्वे में अरुण नेहरु की जीत पक्की मानी जा रही थी .. क्योकि अरुण नेहरु सालो से अपनी कर्मभूमि रायबरेली को बनाये थे .. सतीश शर्मा ने खुद ही अपनी हार तय मान ली थी ..

लेकिन तभी रायबरेली में प्रियंका गाँधी की धमाकेदार एंट्री होती है ... दिल्ली में कैप्री, जींस, कट्टी टॉप पहनने वाली प्रियंका रायबरेली में खादी की बार्डर वाली साड़ी और आँखों में ग्लिसरीन लगाकर पहुची .

फिर हर जगह मंच पर जाकर एक ही बात कहती और वो भी आँखों में ग्लिसरीन लगाकर नकली आंसूओं के साथ "क्या आप उस व्यक्ति को वोट देंगे जिसने मेरे पिता के मंत्रिमंडल से इश्थिपा देकर उन्हें हराया .. उनकी कुर्सी गयी जिससे उनकी हत्या हुई और मै अनाथ हो गयी ... फिर वो साड़ी के कोने से अपना आँख पोछने लगती"

भारत की मुर्ख जनता को और क्या चाहिए ??? जनता सारे घोटाले गरीबी, भ्रष्टाचार, आदि प्रियंका की आंसूओं के सामने भूल गयी ..

फिर तो पूरी बाजी पलट गयी और कांग्रेस में सतीश शर्मा बम्पर वोटो से जीत गये ||

कांग्रेस या सपा ?

कौन ज्यादा नीच और खतरनाक है ?? कांग्रेस या सपा ? सपा तो सिर्फ एक प्रदेश में सिमटी हुई है लेकिन कांग्रेस का कैंसर पुरे देश में फैला हुआ है ..

अब देखिये .. सपा ने एक खनिज माफिया के कहने पर दुर्गा का तबादला किया तो कांग्रेस ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्मगलर, कुख्यात अपराधी गाजी फकीर जिसे पाकिस्तान और भारत के बार्डर के सिन्धी मुसलमान अपना धर्मगुरु मानते है उसके कहने पर पंकज का तबादला किया ....

गाजी फकीर सिर्फ नाम का फकीर है इनके एक बार एक लडकी से बलात्कार की कोशिश की थी .. पाकिस्तान की आईएसआई में इसके कई लोग है और ये आईएसआई का एजेंट है ..

सत्तर और अस्सी के दशक में जब अमेरिकी सरकार अमेरिकी युवाओ में ड्रग्स के बढ़ते लत से परेशान हो गयी तब उसने पुरे विश्व के ड्रग्स माफियाओ की छानबीन करनी शुरू की ... तब अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने विश्व के आठ कुख्यात ड्रग्स डीलरो की लिस्ट बनाई थी जिसमे कोलम्बिया का पाब्लो एस्केबार, पनामा का जनरल नोरियेगा, अफगानिस्तान का हाजी मुस्तफा और भारत का गाजी फकीर का नाम था |

तो मित्रो सोचिये ..कौन ज्यादा नीच है ?? कांग्रेस या सपा ??

और हाँ .. सोनिया जी इस मामले पर भी चिठ्टी लिखने वाली थी लेकिन तभी उनके पेन का रिफिल खत्म हो गया और अहमद पटेल सोनिया जी के लिए रिफिल लेने गये है लेकिन अभी तक लौटे नही है ... जब वो आ जायेंगे तब सोनिया जी इस मुद्दे पर भी चिठ्ठी लिखेंगी नही तो देशवासी उनको दोगला समझने लगेंगे