जिस सुचना का अधिकार कानून को दोगली कांग्रेस अपनी उपलब्धी बताती है .. उसे सुप्रीमकोर्ट में दो साल चले केस के बाद कांग्रेस ने मजबूरी में पास किया था ... और ये सुचना का अधिकार बिल बिना बीजेपी के सहयोग से पास नही हो सकता था | सुचना का अधिकार बिल को बीजेपी ने पूरा समर्थन दिया था क्योकि राजसभा में सपा, बसपा, एनसीपी इसके विरोध में थे और बीजेपी ने इसे पास करवाया था | सुप्रीमकोर्ट में इस विधेयक के खिलाफ केंद्र सरकार के तरफ से अटर्नी जनरल ने कहा था की यदि जनता को सुचना का अधिका दे दिया जायेगा तो फिर भारत में अराजकता फ़ैल जाएगी और सरकारी काम नही हो पाएंगे .. लोग सरकारी कर्मचारीयो के पीछे पड़ जायेंगे .. केंद्र सरकार की ये भी दलील थी की इससे सम्विधान के द्वारा प्रद्दत गोपनीयता का भी भंग होगा | लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र की कांग्रेस सरकार की सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए सुचना का अधिकार लागु करने का आदेश दिया | केंद्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ संसद में आर्डिनेश लाने के लिए सर्वदलीय बैठक की बुलाई थी .. लेकिन बीजेपी सहित चार पार्टियों ने कहा था की वो संसद में आर्डिनेंस पास नही होने देंगे | फिर मजबूरी ने केंद्र की कांग्रेस सरकार को सुचना का अधिकार देना पड़ा | और आज दोगले राहुल गाँधी और दोगले कांग्रेसी हर वक्त कहते है की उन्होंने देश को सुचना का अधिकार दिया
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