क्या ये खबर आपको किसी मीडिया चैनल ने दिखाई??
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जोधपुर में अपने करीबियों को खान आवंटित का विवाद अभी थमा नहीं था कि उनका नाम एक और घोटाले से जुड़ गया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता अशोक पाठक ने पत्रकार वार्ता में खुलासा किया है कि कोटा में कालीसिंध नदी पर बांध बनाने के लिए तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर ऐसी कंपनी को ठेका दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कानूनी सलाहकार थे। इससे सरकार खजाने को करीब दो सौ करोड़ रुपये की चपत लगी।
इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी राजस्थान स्टेट रोड डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन को टेक्निकल बिड से बाहर कर दिया गया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय कालीसिंध परियोजना की लागत 258 करोड़ रुपये थी, जो ओम मेटल को ठेका मिलने पर 457 करोड़ रुपये पहुंचा दी गई। तर्क दिया गया कि कंपनी दो वर्ष में इस परियोजना का काम पूरा करेगी, लेकिन यह तीन वर्षो में भी पूरा नहीं हुआ।
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http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/28-may-2013-edition-Delhi-City-page_13-2255-6174-4.html

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जोधपुर में अपने करीबियों को खान आवंटित का विवाद अभी थमा नहीं था कि उनका नाम एक और घोटाले से जुड़ गया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता अशोक पाठक ने पत्रकार वार्ता में खुलासा किया है कि कोटा में कालीसिंध नदी पर बांध बनाने के लिए तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर ऐसी कंपनी को ठेका दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कानूनी सलाहकार थे। इससे सरकार खजाने को करीब दो सौ करोड़ रुपये की चपत लगी।
इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी राजस्थान स्टेट रोड डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन को टेक्निकल बिड से बाहर कर दिया गया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय कालीसिंध परियोजना की लागत 258 करोड़ रुपये थी, जो ओम मेटल को ठेका मिलने पर 457 करोड़ रुपये पहुंचा दी गई। तर्क दिया गया कि कंपनी दो वर्ष में इस परियोजना का काम पूरा करेगी, लेकिन यह तीन वर्षो में भी पूरा नहीं हुआ।
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