Sunday, December 30, 2012

सरकार की सलाह पर माफ की थी रेपिस्टों की फांसी: पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल

सरकार की सलाह पर माफ की थी रेपिस्टों की फांसी: पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल






प्रतिभा पाटिल

नवभारतटाइम्स.कॉम | Dec 30, 2012, 07.04AM IST


पुणे।। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के एक बयान ने यूपीए सरकार और गृह मंत्रालय के रवैये पर सवाल खड़ा कर दिया है। एक मराठी चैनल से बातचीत के दौरान पूर्व प्रेजिडेंट से पूछा गया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान रेपिस्टों की फांसी माफ क्यों की थी, इस पर उन्होंने कहा, 'यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर लिया गया था।' गौरतलब है कि पूर्व प्रेजिडेंट पाटिल ने अपने कार्यकाल के दौरान 35 लोगों की फांसी की सजा माफ कर दी थी, जिनमें से 5 रेपिस्ट हैं।ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि गृह मंत्रालय ने रेप के दुर्लभतम मामलों में फांसी की सजा पाए रेपिस्टों को बचाने की सिफारिश क्यों की?


पढ़ें: 5 रेपिस्टों की फांसी माफ कर चुकी हैं प्रतिभा पाटिल

'गृह मंत्रालय की सलाह पर लिया था फैसला'

अपने कार्यकाल में रेपिस्टों की फांसी की सजा माफ करने के मामले में सफाई देते हुए उन्होंने कहा, 'यह फैसला गृह मंत्रालय की राय पर लिया गया था। फांसी माफ किए जाने से पहले सलाह ली गई थी और पूरे केस को स्टडी किया गया था। इसके बाद ही फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का फैसला लिया गया था।' उन्होंने यह भी कहा कि सजा माफ नहीं की गई थी, बल्कि बदल दी गई थी। उन्होंने कहा, 'फांसी देने के बजाए उन लोगों को मौत होने तक जेल में रहने की सजा दी गई, उन्हें माफ नहीं किया गया।'


'दिल्ली गैंग रेप के दोषियों को जीने का हक नहीं'

दिल्ली गैंग रेप विक्टिम की मौत पर दुख जाहिर करते हुए पूर्व प्रेजिडेंट पाटिल ने कहा कि इस अपराध के गुनहगारों को जीने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह मामला दुर्लभतम है, इसलिए मुझे लगता है कि दोषियों को जीने का कोई हक नहीं है।' पाटिल ने कहा कि हालांकि रेपिस्टों को सजा-ए-मौत दिए जाने के मामले पर संसद और कानून के जानकारों के बीच बहस की जरूरत है, लेकिन दुर्लभ मामलों में ऐसा किया जाना चाहिए।


इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि इस समस्या का खात्मा करने के लिए समाज और खासकर पुरुषों की मानसिकता को बदला जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस तरह की बुराइयों को खत्म करके बदलाव लाएं।

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कॉमेंट्स :



deeindu, dwarka का कहना है :

30/12/2012 at 05:47 PM

संसदों के प्रति --वह निर्भया थी पर तुम भयमुक्त न हुए /वह निडर थी पर तुम भय के साये में जीते रहे /वह साहसी बहादुर अंतिम सांस तक लडती रहिपर तुम अपने खोल में कायरता में जीते रहे्‌/ क्यों /क्योंकि तुम जानते थे / यदि वह जी गई तो अग्नि परीक्षा देनी होगी / क्यों हम उस समय बाहर नहीं आये / अब जब नहीं रही तो देखो केसे मगरमच्च्ची आंसू बहा रहें /यदि तुम्हारा यह दुख/ आंसू या आक्रोश के रूप में समय पर आजाता /तो आप सबका व्यक्तित्व भी जन मनस पटल पर छा जाता







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kk, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 05:39 PM

lower court, High court and supreme court के judges ने जो फैसला किया था सबूत और गुनाह के अनुसार कानून के अनुरूप किया था तो क्या ग्रह मंत्रालया के अफ़सरो की सिफारिश इतनी दमदार हो गयी की रास्ट्रपति ने बिना गुनाह की क्रूरता को समझे उसे माफ कर दिया जो रास्ट्रपति अपने विवेक से काम ना कर सके वह इस पड की गरिमा को कम कर रहें है, कांग्रेस अद्यक्श तो एह चाहेगी की प्रधानमंत्री और रास्ट्रपति ऐसे हो जो उसके इशारों पर काम करें







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vijay, punjab का कहना है :

30/12/2012 at 05:26 PM

भारत की 90%जनता बेवकूफ है और 2014 में यह मुझे डर है कहीं फिर कांग्रेस को वोट ना कर दे ,,इनका कोई भरोसा नही है ..







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S M OJHA, GORAKHPUR का कहना है :

30/12/2012 at 05:16 PM

यह नौकरानी लायक थी राष्ट्र रानी बना दिया, देश का बंटाधार करने मे ऐसे ही विभूतियो का परम सहयोग है.







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san shri, india का कहना है :

30/12/2012 at 05:07 PM

रेपिस्ट को माफी देने वालो को पिडिताए कभी माफ नही करेगी । जनता को भी माफ नही करना चाहिए ।







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kapil, hyderabad का कहना है :

30/12/2012 at 03:07 PM

जनता भी तो कितनी बड़ी बेबकूफ है.सुब जानते हुए भी उन्हे को वोट करती है.. आगर है जनता मे इतना दम् तो इस बार सालो को दिल्ली से क्लीन आउट कर दो..







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CV KUMAR, PUNE का कहना है :

30/12/2012 at 02:52 PM

मुझे पूरा शक़ है इस "गृह मंत्रालय स्कॅंडल" में किसी मिनिस्टर या उस के "भडुए" ने ज़रूर "करोड़ो रुपये" की रिश्वत खा कर "रेप करने के बाद कत्ल कर देने वाले क्रिमिनल्स" को "भी" माफी दिलवा दी! क्यों?? क्यों?? क्यों?? मनमोहन-सोनिया-गृहमंत्री को कटघरे में खड़ा किया जाए! उस से कम कुछ भी नही!!







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SiR, Mumbai का कहना है :

30/12/2012 at 02:28 PM

तुम्हारे पास किया दिमाग नही था. यदि सरकार बोले की तुम दरिया मे कूद जाओ तो किया तुम कूद जाओगी. अपने लिये बड़ा घर के लिये तुम को किया सरकार बोला था की तुम बड़ा घर ले लो & पूरा दुनिया घूमने के लिये किया तुमको सरकार ने कहा था की तुम जनता के पैसे पर ऐश कर लो. . ए सब नोटंगी है बस कुछ नही. है. महा क्रॉप्ट महिला है. ज य हो.







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(SiR को जवाब)

aa, aaaa mujhe maar का कहना है :

30/12/2012 at 05:27 PM

नौकरानियों के पास दिमाग नही होता..







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harpal , austria का कहना है :

30/12/2012 at 02:23 PM

ड्ब्ल राजनीती हामारा दुर्भगा







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pp, damoh mp का कहना है :

30/12/2012 at 01:58 PM

इसने ऐसा कहकर स्पष्ट कर दिया है कि 1. वह कांग्रेस की कठपुतली थी 2. उसमें तथा अनपढ महिला में कोई अंतर नहीं है 3. अब तक की सबसे अयोग्यतम राष्ट्रपति रही है.4.महिला होते हुये रेपिस्टों को क्षमादान देकर महिलाओं के हक में सबसे निकृष्ट काम किया. 5. राष्ट्रपति काम बनाते नहीं बल्कि बिगाड़ते हैं 6. राष्ट्रपति को क्षमादान के अधिकार की समीक्षा होनी चाहिये. और इस मामले में गृहमंत्रालय की भूमिका खत्म होनी चाहिये.







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ananth, t.n का कहना है :

30/12/2012 at 01:54 PM

क्या शक है रपिस्टों के पीछे या साथ राजनैतिक आर्थिक शक्ति है;राष्ट्रपति तो गिरि के बारे में कहते थे -हेलो मिसटर गिरि,रेसीवेर उठाते ही वे कहते हाँ-हाँ सही है ठीक है;प्रतीभा ने उसका पालन किया. अब भी दो का पता नहीन.वे किस मंत्री के नाते=रिश्ते? बेटी के रेपिस्ट को केवल आठ साल की सज़ा. आगे के इंसाफ का मार्ग-दर्शक. एक अज्ञात शक्ति से सज़ा देने की प्रार्थना ही अच्छा है. कितने मंत्री ऐसे अपराध है?सब सब को मालूम है. क्या करें.? यह तो व्यवहारिक हैन.सब बच गये.







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soniamanmohangandhi, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 12:37 PM

शिला दीक्षित जिंदाबाद सोनिया गाँधी जिंदाबाद अम्बिका सोनी जिंदाबाद मनमोहन सिंह जिंदाबाद प्रणब मुखर्जी जिंदाबाद बहेन बेटियों डेल्ही छोडो परिवार वालों डेल्ही छोडो रेपिस्ट वेलकम टू देल्ही देल्ही आपका स्वागत करती है रेप करो ओर मुफ्त होंडा सिटी कार पाओ सालों डूब कर मर जाओ मोम का पुतला (मनमोहन कुछ तो शर्म कर ले या फिर अपने नाम से सिंह हुटाले क्यों सिंह कॉम को बदनाम करता है इक वो बंगाली हिन्दी जानता नही इंग्लीश आती नही बंगाली इसकी कोई समझता नही सोनिया गाँधी से पुछलो की क्या करना है प्रधान मंत्री मे ज़ारा सी भी हया है, तो अपने दिल पर हाथ रख कर सोच्चें ?? भ्रष्‍ट सरकार के मुखिया हैं मनमोहन, देश इटली का गुलाम बन गया है, कांग्रेस महान चोर पार्टी है आतंकवादियों का फाइनैंसर है राहुल गांधी सरकार के मन मे चोर है सरकार चोर है दुनिया खतरनाक है , उन लोगों की वजह से नहीं जो इसे नुकसान पहुंचाते हैं , उन लोगों के चलते जो चुप बैठे रहते हैं। हमे अएक जुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए. सरकार का घमंड तो







सहमत(14)असहमत(2)बढ़िया(15)आपत्तिजनक


(soniamanmohangandhi को जवाब)

GOPAL SINGH, KATIHAR का कहना है :

30/12/2012 at 01:02 PM

बिल्कुल में भी सेहमत हू आपने जो भी कहा ऐसे लोग गाली सुननने के लायक हैं







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jatin, New Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 12:13 PM

मुझे तो समझ मे नही आता के आप बड़ी है या सरकार पहले तो ए स्पष्ट कीजिये. जो अपने गलती की है उसकी तो पहेले आप माफी मान्गीये. आपको सोचना चाहिये था की मे ईन मुज्ररीमो को क्यो माफ करू जिनको निचली आदलत से लेकर उच्च न्यायकाय ने मौत की सजा सुनाई है अगर आप उन सभी की फ़ासी माफ नही करती तो शायद आप अब तक की सबसे अच्छी राष्टपति होती. जिन लोगो ने अपना पेसा और समय लगाकर ईन मुज्ररीमो को न्याय तक पहुचाया उनके दिल पर क्या गुजर रही होगी.यो तो आप कभी सोच ही नही सकती. मेरी अपील ईस देश के आने वाले राष्टपतियो के लिये की क्रप्या आप लोग एसी गलतिया ना करे. ईस देश की जनता के बारे मे सोचे ना को मुज्ररमो और सरकार के बारे मे. क़प्या मेरी ए अपील राष्टपति तक पहुचा दे. मे नवभारत टाईम्स का आभारी रहूँगा.







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(jatin को जवाब)

Kumar PS, Pune का कहना है :

30/12/2012 at 01:55 PM

Hon Ex President comment that she followed the instruction of Home ministry for the rapists.Mrs Patil, are working under them or they are working under Hon President.Have you bribed them to become president?As first citizen, your wrong decision is only responsible to abate this crime.You must seek pardon from Indian masses.







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himmat singh bhati, jodhpur का कहना है :

30/12/2012 at 12:02 PM

ग्रह मंत्रालय की सिफारिस पर फेशाले होते है तो सभी मामले ग्राहमंत्रालय मे सुनावै क्यो नही की जाती है भारत के नायायलयो को बाँध कर देना चाहिये क्यो की यह नायायलयो से उपर है?साथ की विधि मंत्रालय भी,क्यो की विधि के जानकार भी ग्रह मंत्रालय मे है?







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(himmat singh bhati को जवाब)

div das, jamshedpur का कहना है :

30/12/2012 at 01:02 PM

देश के न्यायालय को हिनद महासागर में डूबो दो,और गृह मंज्ञालय को सारे फैसले करने दो







सहमत(12)असहमत(0)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


iiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 11:56 AM

राजनीति चीज़ ही ऐसी है ना जीने देती है ना सही काम ?????







सहमत(11)असहमत(1)बढ़िया(3)आपत्तिजनक


umakant, pratapgarh का कहना है :

30/12/2012 at 11:43 AM

तेरे को देश का रात्र्यपति कांग्रेस ने बनाई थी उसी के कहने पर रिपिटो को छोड़ दिया तू ने देश की गरिमा को मटियामेट कर दिया चाहे गीप्त,जमीन या रिपिटो का "जागो इंडिया जागो"







सहमत(23)असहमत(0)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


dinesh, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 11:36 AM

Good Day. Many thanks to Respected Ex President of India, Smt. Pratibha Patil, Head of the country who has courage to admit the truth before the general public after CHAIR. Statement indicates the greatness of the President who is a ball in the hands of the anti social CHAIRPERSONS. My humble appeal to all - we should be careful and strong mentally not to vote any such candidate, who so ever he may be, especially the family members of the candidate who wants to contest the election. Chairpersons are also requested not to favour any anti social member of the group under any circumstances even ignoring his status for peaceful social life. My humble request to the members of SECURITY groups - they should also be strong mentally towards the general public and not apply any force against the innocent person as DELHI POLICE has done number of times. Nature spares none, come / go empty hands.







सहमत(4)असहमत(0)बढ़िया(1)आपत्तिजनक


mangoman, india का कहना है :

30/12/2012 at 11:32 AM

बंदर क्या जाने अदरक सवाद







सहमत(4)असहमत(1)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


xyz, india का कहना है :

30/12/2012 at 11:25 AM

देश जनता है. ए घोटालेबाज परिवार से है. और देश का हर भ्रात इंसान आजकल कांग्रेस के गोद में बैठ है. शन की जिंदगी जी रहा है.... इस देश से कॉंग्रीस्स का हमेश-हमेशा के लिये खात्मा जरूरी है..... वाड़ा करो भरतिया लोंगो इसे कभ ई भोलोगे नहीं और अपने राजनीतिक सोच का हर हिस्सा इसलिये . करोगे की कांग्रेस हमेश के लिये भारत से खत्म हो जाये.. और वे कॉंग्रेससी भी कभी जीत न पाणये चाहें किसी पर्त्य से चुनाव लड़ें.. सभी आपसमे मिले है.. कुछ नहीं है. तो पाकिस्तान से सहायता मोँगों छोटा भई है मदद करेगा.. लोगो के खात्मे के लिये.... लोग परेशन रहें... नेता मस्त रहें ऐसा युवा किस कम का उठो और देश की रकचजा करो कांग्रेस से .. ब्रिटिश और इटॅलियन सोच से...... में उस संसद पर जिसके से ए लड़की आती थी.. उसने वँहा जाकेर निहायत ही बकवास लोग संगीत कार्यक्रम मे सिरकर की उसने एक शब्द भी लड़की या उसके परिवार के लिये सहानुभूति के नहीं काहे. ए एक पूर्व प्रधानमंत्री का कुपुत्रा है जिसने सारी जिंदगी कुछ नही किया.. सिफ दधि खुजाता रह गया..तू..तू...वो अब मुलायुम का कुत्ता बन गया है... अपने बिजनीस की देखभाल के लिये राजनीति मे आया है...







सहमत(13)असहमत(0)बढ़िया(1)आपत्तिजनक


(xyz को जवाब)

kissan , gujarat का कहना है :

30/12/2012 at 12:48 PM

सही हए दोस्त कांग्रेस भगाओ देस बचाओ सारे घोटाले को भुलाने के लिए इस आंदोलनको कॉंग्रेसने जान के टूल दिया और लम्बा खीचा है इसलिये आज जब प्रतिभा पाटील रास्ट्रप्टी नही रही तो फांसी की बात करती है और 5 लोगोको छोडदिया और कांग्रेस के गृहमंत्रालय के कहने पे छोड़ा कहती है और रास्ट्रपति के पुत्र का बयान है सुभाको कणडेल मार्च और रात को डिस्को और सारे बादमे कहते है भूल होगई इसलिये हाम्मे भी एक भूल करनी है कांग्रेस को पूरी तरहा आपने देश से भागके और साँति पूर्ण जिंदगी बिताने के लिये कांग्रेस मुक्त देश बनाना होग.पिच्ले 65 साल से कांग्रेस ने सिर्फ और सिर्फ डेस्को लुटा है और आम जनता को गुमरहा किया है कभी अपने सिवाए किसी और का नही सोचा







सहमत(3)असहमत(0)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


RAJEEV KUMAR, NEW DELHI का कहना है :

30/12/2012 at 11:13 AM

YADI RESPECTED PRATIBHA SINGH PATIL JI YADI YE BAAT BOL RAHI HAI, TO ISSE JYADA AUR KA BAT HOGI KI AISI NAPUNSAK SARKAR KO TURANT DISSOLVE KIYA JAYA. SONIA AUR MANMOHAN SINGH (BOTH THE LEADER OF NAPUNSAK SARKAR) KI JODI DESH KO BEVKUF BANA RAHI HAI. DESH KO BEVKUF BANANE KE LIYE HI YE DENO AIRPORT GAYA THA. AISE LOGO KO KOI CHINTA NAHI, KYOKI DONO KE PARIVAR WALE KO SPG SURAKSHA MILI HAI. LEKIN DESH KI JANTA AISI NAPUNSAK SARKAR KO KABHI MAPH NAHAI KARENGI. APNE AAP KO YAVA BATANEWALE RAHUL GANDHI CHORO KE TARAH GHAR ME BAITHA HAI, AAJ KYO KUCHH NAHI BOL RAHA HAI. JAB UP ME ELECTION KA WAQT THA, TO RAT ME CHHUP KAR JATA THA, LEKIN AAJ TO DELHI ME HO RAHI HAI, YAVA SHAKTI SE APPEAL HAI KI AISO SARKAR KE BIRUDH AANDOLAN HONA CHAHIYE. YE KOI RAJNITI MAMLA NAHI HAI,







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सुभाष बुड़ावन वाला, ,खचरौड़[मप] का कहना है :

30/12/2012 at 11:12 AM

तो आप क्या रबर की मोहर थी?दिल्ली में हुए बलात्कार कांड पर हंगामा मचा है लेकिन भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाली महिला से पूछें तो वो यही बताएगी यौन हमले का डर लगातार उनके साथ चलता है। सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों की आंच से माहौल गर्म है। विरोध के लिए सड़कों पर उतर रही ज्यादातर महिलाएं इस डर को अपनी जिंदगी में शामिल पाती हैं। महिला अधिकारों की बात करने वाले आरोप लगाते हैं कि भारत में इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वाले लोगों को रोकने के लिए जरूरी तंत्र है ही नहीं। करीब सवा अरब की आबादी वाले देश में आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक हर 28 मिनट में किसी न किसी महिला से बलात्कार होता है। महिला अधिकारों की बात करने वाले कहते हैं कि देश में कानून का पालन और अभियोजन के तरीके बेहद खराब हैं।'देश का ढांचा ऐसा नहीं है कि महिलाओं की रक्षा की जा सके या उन पर हमला करने वालों को जांच और जल्द सुनवाई के जरिए सजा दी जा सके। सुभाष बुड़ावन वाला,खचरौड़[मप]







सहमत(13)असहमत(0)बढ़िया(6)आपत्तिजनक


R.K.KANOJIA, SAKET NAGAR,BHOPAL का कहना है :

30/12/2012 at 10:32 AM

आप राष्ट्रपति हैं,देश की प्रथम नागरिक पर इसमें आपका क्या दोष व्यवस्था बनाई ही एसी गई है और रबर स्टाम्प का काम ही है हर सही-गलत पर ठप्पा लगाना|







सहमत(19)असहमत(1)बढ़िया(12)आपत्तिजनक


(R.K.KANOJIA को जवाब)

sushil pandit, kaithal का कहना है :

30/12/2012 at 11:28 AM

भाईसाहब यदि आप को महामहिम की सक्तियो का पता ना हो तो 8 वी कक्षा की नागरिक शास्त्रा की किताब जरूर पड़े







सहमत(7)असहमत(4)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


(sushil pandit को जवाब)

gaffar khan, muradabad का कहना है :

30/12/2012 at 03:24 PM

मूर्ख पहले तू पढ फिर कमेन्ट कर !कानोजिया जी सही कह रहे है पर ये बात तेरे भेजे मे नही आयेगी







सहमत(1)असहमत(1)बढ़िया(1)आपत्तिजनक


(sushil pandit को जवाब)

R.K.KANOJIA, SAKET NAGAR,BHOPAL का कहना है :

30/12/2012 at 12:49 PM

सुशील भाई यहाँ शक्तियों की बात नहीं हो रही है,राष्ट्रपति के पास शक्तियाँ तो है पर एकाध को छोड़ बाकी के बारे में बताओ, संसद से जो भी बिल भेजा जाता है उस पर कितनों ने आपत्ती डाल लौटाई है|किताब में तो सब कुछ लिखा पर यहाँ तो प्रधानमंत्री भी खुद दूसरों के भरोसे पर चल रहे है|बाकी आप राष्ट्रपति जी से ही पूछ लो क्यों उन्होने सरकार की सलाह मानी?अपनी शक्ति का उपयोग क्यों नही किया?







सहमत(7)असहमत(0)बढ़िया(4)आपत्तिजनक


aaj ka topic, new delhi का कहना है :

30/12/2012 at 10:13 AM

इस रबर स्टेंप वाली पोस्ट को ही खत्म कर देना चाहिये काम कुछ करना नही ना कोई अधिकार है किसी कानून मे संसोधन कर का, किसी बनने वाले कानून को सिर्फ एक बार मना कर सकता है दूसरी बार उसको पास करवाना ही पड़ेगा क्या फायदा ऐसी पोस्ट का, जो सिर्फ जनता का पैसा खा जाती है एक आदमी पर इतनी सेक्यूरिटी लगी होती है जिसमे पूरी दिल्ली की सुरक्षा हो सकती है, लाखो रूपिया खर्च होता है महीनो को,







सहमत(30)असहमत(0)बढ़िया(15)आपत्तिजनक


(aaj ka topic को जवाब)

Brajesdh, baroda का कहना है :

30/12/2012 at 10:37 AM

its should be selected by Public directly aukat pata lag jayegi, might be PN sigma public demand hote,







सहमत(2)असहमत(0)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


Congress ki den -Humne school mein padha tha ki maut ki saja ko last time sirf rastrapati maph kar sakta hai but ab school mein ye v padhana chahiye ki grah mantralay ki sifarish par rastrapti phansi ki saja maph kar sakta hai, Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 10:01 AM










सहमत(17)असहमत(0)बढ़िया(14)आपत्तिजनक


Vikram, Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 10:00 AM

Ye pratibha patil aaj badi-2 baat bana rahi hai..ish ne 5 rapist ki maut ki saja ko maaf kar diya tha...SHAME ON PRATIBHA PATIL FOR HER DECISION'S.







सहमत(11)असहमत(0)बढ़िया(7)आपत्तिजनक


KJS SANDHU, DELHI का कहना है :

30/12/2012 at 09:58 AM

एस सीट से देश वासियो को सरकार दोखा देती है, तो नही चाहिये हमे प्रेसीडेंट. जो देश हिट मय काम नही कर सके वो देश वो बर्दाश नही होगा







सहमत(16)असहमत(0)बढ़िया(9)आपत्तिजनक


kishor, nk का कहना है :

30/12/2012 at 09:54 AM

अक्ल नाम की चीज़ चाहिये अत्युच पदोंपर बैठनेवालो के पास / सर्वसाधारण दिमाग वालों से क्या अपेक्षा /दिवालिया निकला जा रहा देश का नैतिकतौर पर, बौद्धीक तौर पर//नेताओं के पास दीमाग नाम की चीज़ है या नही/ / जो यहनही समझते किसे माफ करना है और किसे नही / ईन लोगो को भी जीने का हक नही है/







सहमत(10)असहमत(0)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


aa ka topic, new delhi का कहना है :

30/12/2012 at 09:46 AM

स्वर्ग में एक दिन महात्मा गांधी को चित्रगुप्त मिल गए. दोनों ने एक दूसरे से हालचाल पूछा. फिर गांधी को कुछ याद आया और उन्होंने चित्रगुप्त से पूछा कि मैं तीन बंदरों को छोड़ कर आया था भारत में.. उनके बारे में कुछ जानकारी है. तो चित्रगुप्त ने कहा कि वो तो बड़े मस्त हैं. तो गांधी जी ने पूछा कि क्या कर रहे हैं. तो चित्रगुप्त ने बताया कि एक जिसने आंख बंद कर रखी है वो तो कानून बन गया है. इतना फैमस हो गया कि अमिताभ बच्चन भी गाता फिरता है कि ये अंधा कानून है. दूसरा सरकार बन गया है. वह किसी की सुनता ही नहीं है. लाखो लोग सड़क पर आकर नारा लगाते हैं फिर भी वो नहीं सुनता है. फिर गांधी जी ने पूछा कि और वो तीसरा क्या कर रहा है. इस पर चित्रगुप्त ने कहा अरे वो गूंगा....वो तो आजकल प्रधानमंत्री बन गया है...







सहमत(55)असहमत(0)बढ़िया(43)आपत्तिजनक


(aa ka topic को जवाब)

VIPUL, SURAT का कहना है :

30/12/2012 at 11:13 AM

बंदर या कोई भी प्राणी तो अपने समाज को वफादार होते है. बंदर का अपमान मत करो.







सहमत(9)असहमत(0)बढ़िया(6)आपत्तिजनक


kapil, mumbai का कहना है :

30/12/2012 at 09:45 AM

नया कानून बनाना चाहिये की गुनेहगार का गुनाह साबित होने के बाद उसे तुरंत देश की जनता के हवाले कर देना चाहिये सजा जो भी कानूनन हो, वो जनता ने ही देना चाहिये







सहमत(6)असहमत(2)बढ़िया(4)आपत्तिजनक


satyendra singh, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 09:43 AM

भारत मे ब्लू फिल्म बिल्कुल खत्म होनि चाहिये केयोकि इससे सामजिक स्तर मे सुधार होगा आज कल ब्लू फिल्म मोबाइल से लेकर टीवी तक फैली हुई है एक 13 साल के बचे भी गलत सोच रखते इन फिल्म को करा क्दम उठना चाहिये इससे कुछ तो ऱाहत मिलेगी आज देश मॅक्स बयक्ती दूसरे लड़की को गलत नजर से देखता है उसके मन या दिमाग मे कभी ना क्भी बहन दिखेगी ना ही बेटी ना ही मा इन फिल्मो से बहुत फर्क पारा है इंडियन फिल्मो मे भी जो फिल्म दिर्श्य दिये जाते हैं वो भी हटाने चाहिए आज कल फिल्मे परिवारिक नही बनती है जो पहले जैसे जो अमिताभ देवआनंद राजेशखन्ना की फिल्मो हुआ करती थी अगर देश को आगे बडाना है तो सामाजिक स्तर बहुत बड़ी सुधार लानी पड़ेगी इसे सरकार और पब्लिक दोनो को आगे आना चाहिये सरकर को अच्छी सोच रखने वालो की देश मे बहुत कम लोग रह गये कोई भी सरकार हो सामजिक स्थति मे जब तक सुधार नही हो सकता तब तक देश की आगे नही जा सकता देश की खुद की जो धार्मिकता थी दिन पर दिन खत्म होती जा रही इसके लिये हर मनव जीमेदार है एक पुब्लिक न्याय हों







सहमत(10)असहमत(1)बढ़िया(10)आपत्तिजनक


vivek, jabalpur का कहना है :

30/12/2012 at 09:42 AM

तुम रास्ट्रपती बन गयी तेरा दीमाग काम नही कर रहा था तुम जैसे औरतो के करण आज औरतो के ए दशा ह







सहमत(21)असहमत(0)बढ़िया(8)आपत्तिजनक


Suvash, Aurangabad का कहना है :

30/12/2012 at 09:40 AM

अरे पैसे लेके सजा माफ किया इसका लड़का पैसे बदले वोट काण्ड मे अमरावती पूलिश ने पकड़ा था फिर तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक दिखावा है इसके बिरुढ जाच करनी चाहिये और भारत का राष्ट्रपति पब्लिक ने चुनना चाहिये न की नेता.







सहमत(14)असहमत(0)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


bittoo, thailand का कहना है :

30/12/2012 at 09:35 AM

देश की ईस हालत के लिये राषट्रप्टी ,प्रधान म्न्त्री , सोनिया , ओर सारी कॉंग्रेस , जिमेदार है ! व्नदेमातरम्







सहमत(26)असहमत(1)बढ़िया(10)आपत्तिजनक


(bittoo को जवाब)

prem lamoria, rohtak का कहना है :

30/12/2012 at 01:12 PM

ज़िला मुखयलय पर यक कमिटि द्वारा जिसमे ज़िला के अधिकारी सेस्न जज ,कलेक्टर,पुलिस कप्तान,सिविल सर्जन, अम्पी,नंबर1 &2,रेप दोसी का सबकी सहमती से नपुसांक बबाने का आदेश पारित करे. अगर किसी भी अक मेंबर को याटराज ह तो उं न. ओ. की तरह वीटो पवर काम मे ले सकते ह इस की उपर अपील नही हो सकनी छहिया सभी सदस्य बाराबेर जीमेदार .पीडिता को तुरंत दिमागी राहत मिल जायेगी







सहमत(1)असहमत(0)बढ़िया(1)आपत्तिजनक


Vijay, Ranchi का कहना है :

30/12/2012 at 09:22 AM

मान गया शुद्ध कॉंग्रेसी हैं आप. बहुत बढिया जब आज से सौ साल बाद इतिहास फिर से लिखा जाएगा आपका जिक्र बहुत किया जाएगा.







सहमत(18)असहमत(1)बढ़िया(7)आपत्तिजनक


Shamsher, New Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 09:22 AM

राष्ट्रपति का चुनाव राजनेताओ द्वारा नही बल्कि आम जनता द्वारा होना चाहिये साथ ही लोकसभा एवम् राज्यसभा द्वारा भेजे गये प्रस्ताओ पर अपनी सहमति देने के लिये बाध्य भी नही होना चाहिये







सहमत(22)असहमत(1)बढ़िया(9)आपत्तिजनक


Ranjit, New Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 09:18 AM

प्रधानमंत्री जी देश को इसका जवाब चाहिए ?







सहमत(12)असहमत(1)बढ़िया(8)आपत्तिजनक


bhatiy, bhatiy का कहना है :

30/12/2012 at 09:06 AM

jab tak phasi jaisi saja nhi hogi tab tak ye hote rahege isliye in salo ko phasi ki saja honi chahiye.......................







सहमत(4)असहमत(0)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


paramjeet singh, mumbai का कहना है :

30/12/2012 at 09:06 AM

रास्ट्रपति महोदया तुम्हारी अकलऔर विवेकदोनो ने ही काम करना बंद कर दिया था क्‍यूंकि तुम्हे भी तो कुर्सी का नशा हो गया था. कानून ने कितने ही सालो लगाये सजा सुनाने में तुम जासे मूर्ख रास्ट्रपति ने पांच मिनिट में सब उल्टा कर दियाया फिर भी मेरा भारत महानजो तुम जैसेलोगोको रास्ट्रपतिबना देताहै







सहमत(35)असहमत(1)बढ़िया(16)आपत्तिजनक


sinha, motihari का कहना है :

30/12/2012 at 09:05 AM

आज हमे शपथ लेना चाहिय की कभी भी कोई गुंडा या बदमाश किसी भी मा, बहन पे बुरी नजर डाले या इज्जत लूटने की कोशिश करे तो वहा मौजूद सारे आदमी मिलकर बिना किसी डर के उसे पकड कर पूलिस के हवाले कर दे चाहे इसमे उसे मार खानी पड़े लेकिन गुंडो को छोड़े नही. अगर ऐसा हुआ तो किसी गुंडे की ताकत नही होगी मांबहनो की इज्जत लूरने की, लिकिन स्भी को भिड़ना पड़ेगा एक साथॅहुप बैठने सेहम कुछ भी नही कर पायेंगे.







सहमत(11)असहमत(4)बढ़िया(6)आपत्तिजनक


devin, Canada का कहना है :

30/12/2012 at 09:04 AM

Shame for deaf and dumb primeminister and Congress CM Sheela Dix shit.Not able to bring Hanging for rapists .When they are saving corrup how they can bring this law.







सहमत(7)असहमत(0)बढ़िया(2)आपत्तिजनक


HS, US का कहना है :

30/12/2012 at 08:28 AM

रास्ट्रपति को अपने विवेक से सरकार के अनुरोध को नकर सकती है!







सहमत(36)असहमत(2)बढ़िया(11)आपत्तिजनक


sharad on nbt, panipat का कहना है :

30/12/2012 at 08:21 AM

बड़ा विरोधाभास है हमारी पूर्व राष्ट्रपति महोदया की बातो मे ....एक तरफ वे बलात्कारियो की मौत की सज़ा माफ करती है और दूसरी तरफ बयान देती है कि " इस अपराध के गुनहगारों को जीने का कोई हक नहीं है" ?? ...संविधान मे राष्ट्रपति की स्पेशल पावर के बारे मे जो कुछ किताबो मे पढने को मिला है उसके अनुसान राष्ट्रपति "अपने विवेक के अनुसार" अपने पास लाये गये केसो मे किसी अपराधी की सज़ा कम कर सकता है या माफ कर सकता है और यहा पूर्व राष्ट्रपति अपने द्वारा दी गयी "बलात्कारियो की सज़ा मे कमी की दरियादिली" के लिये ग्रह मंत्रालय की तरफ इशारा कर रही है ?? ?? महामहिम राष्ट्रपति चाहे तो किसी ग्रह मंत्रालय की गलत बात को मानने से इंकार कर सकता है (कानूनी अधिकारो की बात करे तो देश के किसी मंत्री या मंत्रालय की इतनी हेसियत नही है कि वे राष्ट्रपति पर दवाब डाल सके ...पर जब खुद राष्ट्रपति ही कमजोर पड जाये तो फिर ए दोष उन मंत्रियो या मंत्रालय का नही बल्कि राष्ट्रपति







सहमत(28)असहमत(1)बढ़िया(11)आपत्तिजनक


murlidhar, dubai का कहना है :

30/12/2012 at 07:59 AM

प्रतिभा पाटील ने जो कहा उसमे हेरानी की कोई बात नही है सारे फैसले सरकार लेती है और राष्ट्रपति को सलाह देती है जिस पर उसे महज मोहर लगाना है मे पहले भी इस कालम मे ये बात उठा चुका हु की भारत की गरीब जनता को क्या इतनी महंगी rubber-stamp की जरूरत है ये गंभीरता से सोचने का विषय है







सहमत(35)असहमत(4)बढ़िया(18)आपत्तिजनक


kitto, new delhi का कहना है :

30/12/2012 at 07:35 AM

pratibha devi singh patil was the most hope less,useless and uneffective PRESIDENT INDIA EVER HAD.....SHE ONLY BECAME PRESIDNET TO MAKE MONEY AND FEED HER GREED....travelling overseas with her whole clan ...enjoying govts perks and grabbing gifts.....and pardoning rapists...







सहमत(19)असहमत(1)बढ़िया(8)आपत्तिजनक


(kitto को जवाब)

Naveen Kumar Tiwari, Bhilai Nagar Durg C.G.India का कहना है :

30/12/2012 at 07:56 AM

ए खुद रास्ट्र पति पड के गरिमा के खिलाफ चाटुकारिता का पर्याय बन उचक़ पड पर पहुची थी तो उसका निर्णय तो उसके प्रभावित रहेंगे हीइसमे इनके बोलने या बताने की बिना भी सभी समझ गये थे <,जो महिला होकर महिलाओ के प्रति अत्याचार करने वालो को बचाये क्या वो उस उच्च पड के नीतीक हिट कर सकती थी ?><>< वो सीरफ कटपुतली के सीवा क्या थी जो कहा जाता है की रास्ट्र पति भारत मे रबर स्टाम्प है तो वो उसकी नमूना ही है <>< बेसं सरकर और बेसर्म उसकी बत मानाने वाले<>< उच्च पड के गर्इं को कंकित करना इनके मिजाज मे हमेशा से रहा है जो आब और पहले भी कई बर ><><इस जेसे हजारो प्रकरण है जिनमे सरकर हमेशा की तरह बलात्कारियो को बचने का ही प्रयास शम दाम दंड भेद नीति ऑरा बर्बर पुलिसिया हरकत के सात करती है जो अभी दामिनी के प्रकरण मे आन्दोलन करियो के सात दिल्ली पुलिस का रवेयया था वो उसी का चरितार्थ और परियालन था







सहमत(16)असहमत(1)बढ़िया(11)आपत्तिजनक


K.P.S. Dagur, US का कहना है :

30/12/2012 at 07:28 AM

सब बुराइयों की जड है कॉंग्रेस ! जरा सोचकर देखो कैसे - कैसे लोगों को राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, ग्रह मंत्री और राज्यपाल जैसे अति महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया है आज तक इन्होने ?







सहमत(38)असहमत(3)बढ़िया(16)आपत्तिजनक


(K.P.S. Dagur को जवाब)

vikash kumar, Goa का कहना है :

30/12/2012 at 09:12 AM

बिल्कुल सही कहा आपने कांग्रेस वाले हमेशा से वैसे ही रास्ट्रपति ओर राज्यपाल को बनाया है जिससे की वो अपना काम करवा सके. ओर आज पूर्ब राष्ट्रपति महोदया गृह मंत्रालय की ओर इशारा कर रही है क्युकी वो जानती थी की वो कांग्रेस के हातो की कठपुतली है. वो तो अब बीटी बत हो चुकी है लेकिन आज के रातरपति का क्या भरोषा वो तो खुद कांग्रेस के बाप रह चुके है क्या वो कभी अपनी राजनीति से उपेर उठकर फैशला कर पायेंगे. क्या वो कभी कांग्रेस हित छोर्कर रास्त्रहित मे फैसला ले पायेंगे.







सहमत(14)असहमत(1)बढ़िया(9)आपत्तिजनक


(K.P.S. Dagur को जवाब)

pawan, delhi का कहना है :

30/12/2012 at 08:35 AM

बिल्कुल सही कहा और कांग्रेस मे भी जब से ए दोनो मा बेटा आये है राजनीति मे देश को अपना ग़ुलाम बना लिया है. सब जगह अपने आदमी को बैठा कर जो मन मे आये वो करते है. ए सोनिया और मूर्ख राहुल दोनो इस देश के लिये खतरनाक है इनका मरना जरूरी है. अगर कुछ दिन और जिंदा रहे तो यह देश बिक जायेगा विदेशियो के हाथो. पूरा देश के सिस्टम को ही पंगु बना दिया है पूरा कांग्रेस चापलूसों की पार्टी बन कर रह जाई है. बाकी पार्टी अपने अध्यक्षों के कुकर्मो का फल भुगत रही है जैसे लालू. मुलायम. मायावती की पार्टी को c.b.i का डर दिखा कर अपना काम करवा लेती है. विपक्ष जो किसी भी लोकतंत्रा की रीढ़ होती है उसे एकजुट होने ही नही देती. ऐसे मे लोकतंत्रा नही रह जाया शिर्फ भयतंत्र रह जाता है







सहमत(16)असहमत(3)बढ़िया(12)आपत्तिजनक


bharatwasi, us का कहना है :

30/12/2012 at 07:06 AM

यो ससुरी झूठ बोल रही सै यो तो केवल राष्ट्रपति का फैसला होवे है इसमे ससुरी सरकार का करेगो एह तो देस को कितना चूना लगावे है ए तो सबने पता सै | यो तो वोही बात सै सौ चूहे खाके बिल्ली चली यात्रा पर|







सहमत(26)असहमत(4)बढ़िया(16)आपत्तिजनक


NO BUT ONLY JAT , Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 06:40 AM

भूतपूर्व राष्ट्रमाता मतलब महामहिम महोदया ..!!! अगर उन पांचो बलात्कारियों मे से कोई आपकी बेटी या नाती,पोती का गुनाहगार होता तो क्या ग्रह मंत्राल्य की सिफारिस पर आप ,फिर भी उन बलात्कारियों की फांसी माफ करके आजीवन कारावास करती ?? क्या रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति भवन से झाड़ू मारकर सारे सरकारी गिफ्ट भी आप ग्रह मंत्राल्य की सिफारिस से ले गयी थी ? महोदया ,अगर आपको सारी बाते ग्रह मंत्रालय की ही माननी थी तो आपका काम क्या था , सिर्फ सिग्नेचर करना ??? उपर का हिस्सा खाली है क्या ...???







सहमत(54)असहमत(3)बढ़िया(36)आपत्तिजनक


abc, Delhi का कहना है :

30/12/2012 at 06:33 AM

सरकार की सलाह पर या सोनिया की सलाह पर| अपना मूह सीसे मे देखो | तुम क्या हो मालूम चल जायेगा |







सहमत(37)असहमत(2)बढ़िया(19)आपत्तिजनक


Roshanlal, compton का कहना है :

30/12/2012 at 06:08 AM

इस कामवाली को इतनी अकल कहा? इसका काम तो बर्तन मांजना और कपड़े धोंना. ऐसी औरत को इतना बड़ा पड दिया तो ऐसाहि होना था. 200 करोड़ रुपये इसने किसकी सलाह पर अपने परदेश दौरेपर उडाये? राष्ट्रपति भवन की वस्तुए चोरी करर्नेवाला सलाहगर कौन था. इसके बेटेके पास करोड़ो रुपये कहासे आये? ए सब इंडियन माफिया की टोली है. अब इसको बुढापेमे भी बड़ा बंगला चाहिये. ए तो बेशर्मी की हद है.







सहमत(59)असहमत(2)बढ़िया(33)आपत्तिजनक


raj, hyd. का कहना है :

30/12/2012 at 05:38 AM

राष्ट्रपति पद नाम का होता है इसमे मात्र सम्मान है अधिकार नही है सारा कार्य तो ग्रहमंत्रालय [सरकार] ही करती है ! मौत होनेतक पिशाची अपराधी जेलमे रहे, इसमे कोई बुराई नही हैं! , फांसी तो अधिकांश देशो से निकाल दी गयी है ! फिर इस लोकतांत्रिक देश मे भी क्यो रखी जाये जो दुष्कर्मनादान अपराधी ने किये वही जिम्मेदार सरकार कैसे कर सकती है! दुष्टम अपराधी समाज मे रहने के काबिल नही हा इसलिये जेल मे उनसे कठोरतम श्रम लेकर उनको पश्चाताप की अग्नि मे मौत होने तक जलते रहने की भी सजा कारगर रहती है !







सहमत(13)असहमत(12)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


(raj को जवाब)

vijender, sgnr का कहना है :

30/12/2012 at 06:56 AM

राज जी, आपकी बात सही ही सकती है लिकिन यह औरत झूठ बोल रही है | एक तो इन 35 लोगों की सजा फांसी से उम्र कैद में बदली है जो अधिकतम 14 साल होती है न कि मृत्यु पर्यन्त जेल में रहने की सजा | इसलिए इनमे से कई तो छूट छ्के होंगे और कई छूटने वाले होंगे क्योंकि भारत में किसी भी अपराधी के लिए मृत्यु पर्यन्त जेल की सजा का प्रावधान ही नहीं है सिवाए एक व्यक्ति के जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मृत्यु पर्यन्त सजा दी थी | इस एक मात्र व्यक्ति का कसूर यह था कि इसने अपनी पत्नी की हत्या कर गाड़ दिया था व बाद में खुद ही जाकर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था | इस व्यक्ति को हाई कोर्ट में फांसी हुई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बदलकर मृत्यु पर्यन्त जेल में बदल दिया था | इस प्रकार यह एक आपवादिक निर्णय था न कि सामान्य निर्णय | अन्य मामलों में पुराना नियम ही बरकरार है अर्थात 14 साल की सजा | दूसरी बात यह कि सरकार ने ऐसे जघन्य अपराधियों के प्रति दया तो दिखलाई ही है,किसी नीति के तहत नही अपितु अपने किसी व्यक्ति को लाभ देने के लिए | या बात बहुत घातक है |







सहमत(14)असहमत(2)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


(vijender को जवाब)

Sanjiv Rana, Calgary का कहना है :

30/12/2012 at 07:36 AM

विजेन्देर जी मेँ आपकी बात से बिल्कुल सहमत हु. एक तो भारत मे सज़ा मिलने मे कई साल लग जाते है फिर बाद मे फेसला होने पर केस को सुप्रीम कोर्ट मे लाया जाता है, अगर वहा पर भी सज़ा मिली तो उस केस को रास्ट्रपति के पास ले जाया जाता है और बहा पर फिर सजा माफ हो जाती है. देश मे कानून को बदलने के जरूरत है.







सहमत(12)असहमत(0)बढ़िया(4)आपत्तिजनक


raj, hyd. का कहना है :

30 Dec, 2012 05:38 AM

राष्ट्रपति पद नाम का होता है इसमे मात्र सम्मान है अधिकार नही है सारा कार्य तो ग्रहमंत्रालय [सरकार] ही करती है ! मौत होनेतक पिशाची अपराधी जेलमे रहे, इसमे कोई बुराई नही हैं! , फांसी तो अधिकांश देशो से निकाल दी गयी है ! फिर इस लोकतांत्रिक देश मे भी क्यो रखी जाये जो दुष्कर्मनादान अपराधी ने किये वही जिम्मेदार सरकार कैसे कर सकती है! दुष्टम अपराधी समाज मे रहने के काबिल नही हा इसलिये जेल मे उनसे कठोरतम श्रम लेकर उनको पश्चाताप की अग्नि मे मौत होने तक जलते रहने की भी सजा कारगर रहती है !







सहमत(13)असहमत(12)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


(raj को जवाब)

vijender, sgnr का कहना है :

30 Dec, 2012 06:56 AM

राज जी, आपकी बात सही ही सकती है लिकिन यह औरत झूठ बोल रही है | एक तो इन 35 लोगों की सजा फांसी से उम्र कैद में बदली है जो अधिकतम 14 साल होती है न कि मृत्यु पर्यन्त जेल में रहने की सजा | इसलिए इनमे से कई तो छूट छ्के होंगे और कई छूटने वाले होंगे क्योंकि भारत में किसी भी अपराधी के लिए मृत्यु पर्यन्त जेल की सजा का प्रावधान ही नहीं है सिवाए एक व्यक्ति के जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मृत्यु पर्यन्त सजा दी थी | इस एक मात्र व्यक्ति का कसूर यह था कि इसने अपनी पत्नी की हत्या कर गाड़ दिया था व बाद में खुद ही जाकर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था | इस व्यक्ति को हाई कोर्ट में फांसी हुई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बदलकर मृत्यु पर्यन्त जेल में बदल दिया था | इस प्रकार यह एक आपवादिक निर्णय था न कि सामान्य निर्णय | अन्य मामलों में पुराना नियम ही बरकरार है अर्थात 14 साल की सजा | दूसरी बात यह कि सरकार ने ऐसे जघन्य अपराधियों के प्रति दया तो दिखलाई ही है,किसी नीति के तहत नही अपितु अपने किसी व्यक्ति को लाभ देने के लिए | या बात बहुत घातक है |







सहमत(14)असहमत(2)बढ़िया(5)आपत्तिजनक


(vijender को जवाब)

Sanjiv Rana, Calgary का कहना है :

30 Dec, 2012 07:36 AM

विजेन्देर जी मेँ आपकी बात से बिल्कुल सहमत हु. एक तो भारत मे सज़ा मिलने मे कई साल लग जाते है फिर बाद मे फेसला होने पर केस को सुप्रीम कोर्ट मे लाया जाता है, अगर वहा पर भी सज़ा मिली तो उस केस को रास्ट्रपति के पास ले जाया जाता है और बहा पर फिर सजा माफ हो जाती है. देश मे कानून को बदलने के जरूरत है.







सहमत(12)असहमत(0)बढ़िया(4)आपत्तिजनक


mk dhingra, lucknow का कहना है :

30 Dec, 2012 05:31 AM

ए राष्ट्रपति तो बनाई गयी थी जिसका पट्टा सोनिया के हाथ मे था कूता तो वही जायेगा या वही करेगा जो मलिक कहेगा या जहा मलिक पटा किचेंगा. इस ओल्ड लेडी को तो ठीक से किधता भी नही था जब इसको प्रेडीडेंट बनाया गया था. शर्म आती है हिन्दुस्तानी होने पर सिर्फ इन कुछ कमीने पॉलिटिशियन्स के कारण







सहमत(36)असहमत(2)बढ़िया(24)आपत्तिजनक


alok kumar jain, Liluah, Howrah का कहना है :

30 Dec, 2012 05:13 AM

क्या आपका अपना कोई विवेक नहीं है / था? सब काम सरकार की सलाह से ही करना था तो 20 ट्रक भरकर राष्ट्रपति भवन का समान अपने घर / गाँव किस की सलाह से पार किये थे? सरकार द्वारा सुझाए मुफ्त के ऐशो आरम के लिये आवंटित घर में क्यों नहीं रहती? क्यों हर बार कभी इस बहाने कभी उस बहाने इन घरो मे कोई ना कोई कमी निकल कर अपने निकम्मे बेटे और दामाद का जीवन भर का जुगाड़ कर रही हो? बात करती है. शर्म भी नहीं आती.







सहमत(47)असहमत(2)बढ़िया(24)आपत्तिजनक


jai, missi का कहना है :

30 Dec, 2012 04:29 AM

जब सत्ता मे थी तब इन दरीदो क़ी फांसी माफ कर घोर पाप किया , अब आज कारण बता कर पुनय का काम कर रही है ताकिइस बुड़ापेमे स्वर्ग का रास्ता क्लियर हो सके ,पर चित्रगुप्तको सारे काले कामो का चिट्ठा जनता ने एसएमएस कर दिया हैअब कोई चालाकी नही?







सहमत(43)असहमत(1)बढ़िया(23)आपत्तिजनक


PKSingh, Russia का कहना है :

30 Dec, 2012 04:26 AM

फिर से एक दूसरे पे दोष थोपने का खेल शुरु? अपना दिमाग नहीं है? अगर आतंवादियों को माफ करने को कहते तो उसको भी माफ कर देतीं? ऐसे लोग आतंकवादियों से कम हैं क्या? आभागी लड़की और उसके अपने जिंदा रह कर भी हर दिन मरते हैं| एक ने बलात्कार किया तो लड़की और उसके परिवार को कम दुख होता है क्या?







सहमत(39)असहमत(1)बढ़िया(15)आपत्तिजनक


SK, Delhi का कहना है :

30 Dec, 2012 04:25 AM

हमारे कानून में किसी अपराध के लिये इतनी जोड़ तोड है की कोई भी केस चलता है तो बहुत लम्बा खीचता है. वेशक इसमे से कुछ केस तो पैसे और रुतबे के वदौलत जानबूझ कर लम्बा खीचा जाता है. इतने में अपराधी को अपने लिये वचाव के लिये बहुत समय मिल जाता है. निठारी काण्ड भी लोग भूल गये हैं. दिल्ली रेप केस में भी सरकार ढुलमुल लग रही है. हिन्दुस्तान में लोग अपनी भाग्य और किस्मत पे जी रहे है. अफसोस है ऐसे देश के सरकार , कानून और उनके बनाने और लागू करने वेल लोगों पर.







सहमत(22)असहमत(1)बढ़िया(9)आपत्तिजनक


Mahender Panwar, Canada का कहना है :

30 Dec, 2012 04:20 AM

एक राज़नीतिक हस्ति दुआरा पिछले दिनो एक महिला से शादी की गई धरम बदला ओर अंत मे मरने के लिये मज़बूर किया .वही नेता परिवार समेत आज़ ज़नता के बीच हे.क्योकि वह रज़नीतिक परिवार से है इस लिये कोई आवाज़ नही कोई इन्कवारी नही ओर महिला मर चुकी है. क्याकेस इसी त्रः कॅया नही?यह केस हरयाणा कॅया है कोई बोलता नही.







सहमत(28)असहमत(2)बढ़िया(13)आपत्तिजनक


(Mahender Panwar को जवाब)

Dev., USA का कहना है :

30 Dec, 2012 06:43 AM

हुड़ा साहेब यह आप के डीप्टी सी एम कॅया केस है







सहमत(4)असहमत(1)बढ़िया(3)आपत्तिजनक


Ram singh, USA का कहना है :

30 Dec, 2012 04:12 AM

बाई बोली , मालकिन वाट लगायेगी अब . बाई ए 'यह मामला दुर्लभतम क्यू है क्यूंकि जनता इन्वॉल्व है ओर जनता मतलब वोट ? जिनकी सज़ा माफ की वो साधारण थे ? , दूधमूहनी बच्चियो का रेप कर हत्या की थी उन्होने , अनपद गवार मूर्ख महिला







सहमत(38)असहमत(1)बढ़िया(14)आपत्तिजनक


jim , usa का कहना है :

30 Dec, 2012 04:12 AM

इन लोगों ने गंदा काम किया है इसीलिये इन लोगों से देश में गंदगी जैसे गंदी नालिया,गटर,सुलभ शौचालय गन्दे तालब बस स्टॅंड रेलवे स्टेशन वगेरह सॉफ करवाने चाहिये ओर इनकी कमाई से पीड़ितों के घर का खर्च चलना चाहिये फांसीदेना पर्याप्त नही होना कठोर आजीवन करावस् होना चाहिये







सहमत(19)असहमत(5)बढ़िया(11)आपत्तिजनक



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