
आचार्य बालकृष्ण जी का अपराध क्या है ? क्यों जेल में डाला गया है बालकृष्ण जी को ? इन सवालो का जवाब सारी जनता जानना चाहती है ! लेकिन भारतीय सीबीई शायद इसका जवाब देने के मुड में नहीं है या यु कहे की उनके पास इसका कोई जवाब ही नहीं है तो ये भी गलत नहीं होगा !
भारतीय सीबीई जाँच जो की बिना वजह नहीं की जाती है , किसी केस की सीबीई जाँच करवाने के लिए धरना देना पड़ता है , भूख हड़ताल करनी पड़ती है , तब केस की सीबीई जाँच की जाती है और ज्यादा तर जाँच (99 %) में सीबीई किसी भी अपराधी को सजा ...
नहीं दिलवा पाई है ( ये सीबीई के ऊपर लगा एक बदनुमा सच है) !!
बाल कृष्ण जी को पकड़ कर सीबीई अपनी पीठ यु थोक रही है जैसे की भारत के सबसे बड़े हिस्ट्रीशिटर क्यात्रोची या दाउद को पकड़ लिया है ( जो सीबीई आज तक क्यात्रोची को भारत नहीं ला सकी वो सीबीई बालकृष्ण को पकड़ कर क्या साबित करना चाहती है ये सीबीई जाने या आप जो सीबीई से सच्चाई की उम्मीद करते है ?)
कोर्ट ने बालकृष्ण जी को जमानत देने से इंकार कर दिया क्योकि उनके बाहर रहने से शायद देश का सर शर्म से झुक जाता ( हाँ ये बात अलग है की ए. राजा और सुरेश कलमाड़ी को जमानत देने से देश का सर काफी ऊपर उठ गया है और कलमाड़ी साहब तो देश का सर ऊंचा करने करने लन्दन गए है ( अब देश का सर शर्म से झुकेगा या गर्व से उठेगा ये शायद हर भारतीय जानता है ) !!
19 जुलाई को मिडिया राजेश खन्ना के मौत का रोना रोती रही , लेकिन किसी मिडिया ने आपको ये बताने की तकलीफ नहीं कि 19 जुलाई को भारतीय आजादी कि पहली चिंगारी मंगल पाण्डेय जी का जन्म दिन भी था ! क्या मिडिया ये जवाब दे सकती है कि उसकी नजर में बड़ा कौन है मंगल पाण्डेय या राजेश खन्ना !!
अब आप भी सोचे जरा कि ऐसा समाचार तंत्र (भारतीय मिडिया ) , ऐसी कानून पालक (सीबीई ) और ऐसे अदालत किसके हित में है , देश कि जनता के या भ्रस्ताचारियो के !!
भारतीय जनता जवाब जरुर दे,
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