Tuesday, April 16, 2013

संविधान/ कनून/ न्याय सब गौण हो जाते हैं "पवित्र परिवार" के आगे


20 दिसंबर, 1975 में 132 यात्रियों के साथ इनडियन एयरलाइन्स की कलकत्ता - लखनऊ - दिल्ली उड़ान को हाईजेक कर लिया गया था...

अपहरणकर्ता "देवेंद्र नाथ पांडे और भोला नाथ पाण्डेय" थे..
इनके पास खिलौने की बंदूक थी और एक क्रिकेट का बल्ला था उससे डराकर हवाइजहाज को वाराणसी ले जाया गया...

>> ये दोनों अपराधी "युवा कांग्रेसी" थे ...
उनकी प्रमुख मांग - इदिरा गांधी को छोड़ा जाये और संजय गांधी के सभी केस वापस लिये जायें..!!

इदिरा गांधी की सहायता से चरण सिंह की सरकार बनीं, दोनो अपहर्ताओं के "केस" वापस ले लिये गये इस वक्तव्य के साथ "यह दीवानगी थी गांधी परिवार के लिये, समर्पण था गांधी परिवार के प्रति"...?!

अविश्वसनीय लगा आपको अभी आगे और पढ़िये ....

>> वे दोनों कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश में 1980 में विधायक बनें...

>> देवेंद्र कांग्रेस सरकार में मंत्री बना...
>> भोला को कांग्रेस नें "लोकसभा" का टिकट दिया ...
कुल मिलाकर देश का संविधान/ कनून/ न्याय सब गौण हो जाते हैं "पवित्र परिवार" के आगे और लोग कहते है की भारत में "लोकतंत्र" है...?

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