Thursday, July 4, 2013

कांग्रेस सरकार किसी विदेशी को शरण देने में भी कितना दोगलापन

केंद्र की कांग्रेस सरकार किसी विदेशी को शरण देने में भी कितना दोगलापन और वोटबैंक का गुणाभाग लगाकर ही फैसला लेती है ...

तालिबान से डरकर अफगानिस्तान के चालीस नेताओ ने अपने परिवार के साथ भारत में शरण मांगी .. उनमें डा अब्दुला अब्दुला, नजीबुल्लाह के सात भाई और उनके परिवार के लोग ..अहमद शाह मसूद का पूरा परिवार, हिकमतयार का पूरा परिवार, आदि प्रमुख थे ...

भारत सरकार ने इन्हें न सिर्फ तुरंत शरण दिया बल्कि इनको लेने के लिए अपना विशेष विमान हेरात, और काबुल रवाना कर दिया था ...

मध्य पूर्व का सबसे बड़ा आतंकवादी यासिर अराफात को जब छींक भी आती थी तब वो भागकर इंदिरा गाँधी और बाद में राजीव गाँधी के पास आता था ..उसको सफर करने के लिए इंदिरा गाँधी ने उसे एक बोईंग विमान गिफ्ट में दिया था .. फिर बाद में राजीव गाँधी ने उसे इंदिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से नवाजा जिसमे उसको उस जमाने में १० करोड़ रूपये नगद दिए गये थे |

मजे की बात ये की फिलिस्तीन को सबसे पहले राष्ट्र की मंजूरी देने वाल देश न सउदी अरब था और न पाकिस्तान ..बल्कि भारत ने सबसे पहले फिलीस्तीन को राष्ट्र की मंजूरी दी .. और यासिर अराफात जब आतकंवादी था तब भी उसे भारत ने एक राष्ट्रप्रमुख का दर्जा दिया था ...

डा अब्दुला अब्दुल्ला की दोनों बेटियों को भारत सरकार ने विदेशी कोटे से एम्स में एमबीबीएस में दाखिला दिया था ... उनको जोरबाग में एक आलिशान सरकारी बंगला एलाट हुआ था ...

और देखिये ... जब स्नोडेन और तसलीमा भारत से शरण मांगते है तो भारत की नीच और दोगली सरकार उनको शरण देने से मना कर देती है |

और तो और भारत में ही पैदा हुए और भारत के मूल नागरिक सलमान रश्दी को भी भारत अपने यहाँ शरण नही देता ..

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