Tuesday, August 20, 2013

असली वाला भारत निर्माण

अनर्थशास्त्री बन गये प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह आजकल तो इनका भाषण ही मार्केट गिरा देता है और डॉलर के मुकाबले रूपये को भी कमज़ोर कर देता है वाह

ये है असली वाला भारत निर्माण

क्या हालत की है देश की इन ६० वर्षीय काले काँग्रेसी शासन ने - बस और नहीं अब और नही .......!! 1925 में डॉलर सिर्फ 10 पैसे का था। 8 जुलाई 2013 को एक डॉलर 60.61 रुपए का दर्ज किया गया। ऐसा क्या हुआ कि पिछले 66 साल में हमारे रुपए में 6,000 फीसदी गिरावट आ चुकी है? जैसे-जैसे इन काले अंग्रेजो ने भारत को स्वार्थ सिद्धि करके -भ्रष्टाचार करके -विदेशीकरण करके भारत को विदेशी निर्भरता पर ला खड़ा किया वो दिन दूर नहीं जब ये आम आदमी को मंहगाई से ही मार डालेंगे -और नाम संघ और मोदी का लगायेंगे - हद है ऐसे लोगो की गिरवी/गुलामी सोच की ...मोदी न आये -भले ही लोग म़ेहगाई से लोग मर जाएँ - ये है इनकी मानसिक बीमारी या यूँ कहें मोदी जी की लोकप्रिय विकास-परक कार्यशैली का भय अथवा खुद की असफलता की कुंठा !!


जवाब है बढ़ता भुगतान असंतुलन,अव्यवस्थित प्रबंधन,चालू खाते का घाटा और मुद्रास्फीति का दबाव। 1947 में जब हम आजाद हुए, डॉलर एक रुपए का था। अर्थव्यवस्था सीमित थी। जरूरतें कम थीं। विदेशों पर निर्भरता न के बराबर थी और
जैसे-जैसे आयात बढ़ा, रुपए की तुलना में डॉलर मजबूत होता गया. जैसे-जैसे देश का विकास हुआ हम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर होते गए। आयात बढ़ा तो भुगतान में भी इजाफा हुआ, जो डॉलर में था। 1975 के बाद ऊर्जा की जरूरतें बढ़ीं। 1980 तक देश सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया। आयात-निर्यात में अंतर बढऩे लगा। डॉलर की मांग बढ़ती गई और मजबूती भी।

1947 में एक डॉलर एक रुपए का था
1990 में उदारीकरण के बाद डॉलर ढाई गुना तक बढ़ा
1947 अर्थव्यवस्था का आकार छोटा था। जरूरतें ज्यादा नहीं थीं। विदेश पर निर्भरता भी न के बराबर थी।
1952 औद्योगिकी और तकनीकी जरूरतों के लिए विदेश पर निर्भरता बढऩे लगी।
1990 अर्थव्यवस्था में खुलेपन की शुरुआत हुई। अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ने लगा।
2000 आयात बढ़ा। रुपए के मुकाबले डॉलर में ढाई गुना की जबर्दस्त वृद्धि हुई।
2012 हम ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में विदेश पर निर्भर हैं। यानी भारी आयात। डॉलर में बड़ा पेमेंट।
2012 हम ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में विदेश पर निर्भर हैं। यानी भारी आयात। डॉलर में बड़ा पेमेंट !! 

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