Tuesday, December 24, 2013

आप और कांग्रेस का गटबंधन .. ऐसा पहले भी हो चूका है

आप और कांग्रेस का गटबंधन .. ऐसा पहले भी हो चूका है
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मित्रो आंध्रा प्रदेश कि 2009 का जीता जागता एक उदाहरण (केजरीवाल) दे रहे हे जो आपको सोचने को मजबूर कर देगा :-

आंद्र प्रदेश में 2009 के चुनाव से पहले कांग्रेस कि हालत एकदम पतली हो गई थी किसी को भी जितना तो दूर पार्टी को आंद्र प्रदेश में बचाना भी मुश्किल लग रहा था लेकिन उसी समय पुरे आंध्रा प्रदेश कि राजनीति में एक नया अध्याय आया, साउथ के जाने माने फ़िल्मी नायक चिरंजवी ने एक नयी पार्टी बनाई नाम था प्रजाराज्यम पार्टी, ये नायक महाशय ठीक उसी प्रकार कांग्रेस और और तेलगु देशम पार्टी को गालिया देते थे जेसे केजरीवाल जी बीजेपी और कांग्रेस को देती हे आप को पता होगा कि आंध्रा प्रदेश में तेलगू देशम पार्टी और कांग्रेस मुख्य दल हे, 2009 के चुनावो से पहले सभी को ये अंदेशा था कि तेलगू देशम पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार में आएगी लेकिन ठीक चुनावो से पहले चिरंजीवी चुनावो में कूद गए नयी ईमानदार पार्टी लेकर खूब गालिया दी कांग्रेस को और तेलगू देशम पार्टी को कि सत्ता पक्ष भी सही से काम नहीं कर रहा और विपक्ष भी उनसे मिला हुआ हे, फिर चुनाव हुए और जो हुआ उसका विवरण करता हु, 294 सीटो में से चिरंजीवी कि पार्टी कुल 18 सीटो पे विजयी हुआ और तेलगु देशम पार्टी जीती 92 और कांग्रेस जीती 156 और फिर से कांग्रेस कि सरकार आ गई !!

अब हम आपको वापस चुनावो से पहले लेकर चलते हे जो चिरंजीवी कि पार्टी थी प्रजाराज्यम पार्टी उसका हैम आपको मेनिफेस्टो आसान शब्दो में बताते हे

1. पीआरपी के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार पार्टी सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण में कांग्रेस सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश द्वारा जांच कराएगी.

2. घोषणापत्र प्रत्येक गरीब परिवार को प्रति माह रसोई गैस सिलेंडर और 200 रुपए की किराने की वस्तुओं, गरीबों में भूमि वितरण और चरणों में सम्पूर्ण नशाबंदी का वादा करता है.
3. घोषणा पत्र में, चिरंजीवी ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी द्वारा हस्ताक्षरित पहली फ़ाइल हर गरीब परिवार के लिए प्रति माह 100 रुपये की किराने की वस्तुओं और 100 रुपए के लिए रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति संबंधी होगी. और भी कुछ वादे किये थे !!!

अब सब कुछ चल रहा था वापस कांग्रेस सरकार में आ गई उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया और उसके बाद जो हुआ, वो आपको आज जो दिल्ही में राजनीति हो रही हे उससे कुछ सिख मिल सकती हे, फरवरी 2011 में अचानक चिरंजीवी ने कहा कि सोनिया गांधी जी से बात चित करने के बाद में अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर रहा हु और उसी समय पूरी कि पूरी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया, और चिरंजीवी को इसका इनाम भी मिला 28 October 2012 में राज्यसभा सदस्य बनाया गया और तत्काल उनको मंत्री पद भी मिल गया !!!

उसी प्रकार गुजरात में भी कोशिश हुई केशु भाई को आगे करके पार्टी का निर्माण कराया हालांकि वोट तो उन्होंने बीजेपी के बहुत काटे लेकिन अछि खासी सफलता नहीं मिली !

उसी प्रकार महा. में ये योजना सफल रही (शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने नयी पार्टी को जन्म दिया) !

में आगे कुछ नहीं बोलूंगा आगे समजना आपकी जिम्मेदारी हे और इस लेख को जन जन तक पहुचाने कि भी आपकी जिम्मेदारी बनती हे !!!
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- आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति

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