Friday, December 21, 2012

संजय निरुपम व चिताम्बरम


गुजरात चुनाव के बाद -

छिछोरापन किसी कहते है वो कल की कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री संजय निरुपम जी की मनानिये स्मृति इरानी जी के साथ ऐ बी पी न्यूज़ (स्टार न्यूज़) के प्राइम टाइम पर देख लेते जिस पर की इस नेता ने स्मृति इरानी को इतनी भद्दी बाते कही की यदि वो सोनिया गाँधी के बारे में बोल दी जाती तो कांग्रेसियो आंखे फट जाती। महिला होने के लिए उनके बारे में इतना भद्दा बोल की हर महिला शर्म से गड जाए यह है कांग्रेस की निर्लाजता। और वास्तव में जो संजय निरुपम ने कहा उस से उनकी मानसिकता और दिल्ली बस काण्ड के बलात्कारियो की मानसिकता को भिन्न नहीं माना जा सकता। हम तो कई साल से कहे रहे है की कांग्रेस ने प्रवक्ता के नाम पर गुंडे पाल रखे है। जो गुंडई से पत्रकारों और दुसरे दलों के नेताओ का टीवी पर धमकाते और गिरियते है। दूसरी और शकील साहिब है जो दुसरे को बोलने का अधिकार ही नहीं देते जानबूझ कर इतना बोलते है की टीवी का समय ही ख़त्म हो जाये पर प्रलाप इनका जारी रहेता है। 

इनके एक और स्वंभू ज्ञानी नेता है श्री चिताम्बरम बोल रहे है के हमने भाजपा को एक सीट कम आने से रोक (मतलब 117 से कम पर रोक पर वो भूल गए की जरुरी सीट तो 92 ही चाहिए) और यह कांग्रेस की उपलब्धि है। अब लोग गोबर में भी विटामिन ढूंढ़ कर उसका स्वाद ले रहे है तो हम तो रोक नहीं सकते। कांग्रेस के नेता इस हार से इतने निरलज हो गए की गुजरात के जनता को ही गाली देने लगे। के गुजरात के कुछ लोगो ने ही तो मोदी जी को वोट दिया सभी गुजरातियो ने तो नहीं दिया। अरे भाडू नेता देश का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पुरे भारत के प्रधानमंत्री है या कुछ कांग्रेसियो का ही है। मोदी तो फिर भी चुनाव में लड़कर मुख्यमंत्री बना है एक नहीं 3 बार पर आप तो अपने नाजुक मनमोहन सिंह को चुनाव में भेजने की कुव्वत नहीं रखते। बार बार राज्ये सभा से लाकर देश पर थोपते हो। 

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