Sunday, December 30, 2012

काँग्रेस सरकार की भारत विरोधी मानसिकता


काँग्रेस सरकार की भारत विरोधी मानसिकता देखिये कोई अंतर नहीं है मुगल राज और काँग्रेस शासन में.....

भारतीय नगरों के नाम अरब साम्राज्यवादी आक्रांताओं के नाम पर रखे गये और भारतीय महापुरूषों को हाशिये पर फेंक दिया गया, कुछ उदाहरण देखिये.....

विजयनगर हिंदू राज्य था उसका नाम बदलकर सिकंदराबाद रख दिया गया ।

महारानी कर्णावती के नाम पर एक नगर का नाम कर्णावत था परंतु इसका नाम बदलकर एक क्रूर आतंकी के नाम पर अहमदाबाद रख दिया गया।

अकबर ने प्रयाग का नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया।

साकेतनगर जो राम के राज्य से प्रेरित नाम था उसे बदलकर फैजाबाद कर दिया गया।

शिवाजी नगर का नाम बदलकर आतंकी औरंगजेब के नाम पर औरंगाबाद कर दिया गया।

लक्ष्मीनगर का नाम बदलकर नबाब मुजफ्फर अली के नाम पर मुजफ्फरनगर रख दिया।

भटनेरनगर का नाम गाजियाबाद रख दिया।

इंद्रप्रस्थ का नाम दिल्ली रख दिया गया।

इसी प्रकार आज भी हमारे उपनगरों व सड़कों के नाम विदेशी लुटेरों और भारतविरोधी तत्वों के नाम पर रखे जा रहे है जैसे:

तुगलक रोड,
अकबर रोड,
औरंगजेब रोड,
आसफ अली रोड,
शाहजहाँ मार्ग,
जहागीर मार्ग,
लार्ड मिंटो रोड,
लारेन्स रोड,
डलहोजी रोड,
आर्थर रोड आदि - आदि।

जरा विचार करो, राष्ट्र्द्रोही और आतंकवादियों के नामों का इस प्रकार से भारत पर जबरदस्ती थोपा जाना एक षडयंत्र नहीं है क्या ..?

ये सब मानसिक एवं वैचारिक गुलामी का परिचायक है। अयोध्या के श्री राम मंदिर को विश्व जानता है कि यहां राम का जन्म हुआ और उसका भव्य मंदिर था, एक अरबपंथी लुटेरा जेहादी सेना लेकर आया उसने लूट मचाई, भारतीय स्वाभिमान को नीचा दिखाने के लिए उसने मंदिर को तोड दिया, लुटेरा भी चला गया और देश के दो भाग भी चले गये, परंतु फिर भी मुकदमा भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक श्रीराम और एक लुटेरे के बीच मे!

कैसी है यह आजादी ??

जय हिन्दू राष्ट्र !!!!
 — with Ashutosh Snehsagar Mishra and 49 others.
काँग्रेस सरकार की भारत विरोधी मानसिकता देखिये कोई अंतर नहीं है मुगल राज और काँग्रेस शासन में.....

भारतीय नगरों के नाम अरब साम्राज्यवादी आक्रांताओं के नाम पर रखे गये और भारतीय महापुरूषों को हाशिये पर फेंक दिया गया, कुछ उदाहरण देखिये.....

व...िजयनगर हिंदू राज्य था उसका नाम बदलकर सिकंदराबाद रख दिया गया ।

महारानी कर्णावती के नाम पर एक नगर का नाम कर्णावत था परंतु इसका नाम बदलकर एक क्रूर आतंकी के नाम पर अहमदाबाद रख दिया गया।

अकबर ने प्रयाग का नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया।

साकेतनगर जो राम के राज्य से प्रेरित नाम था उसे बदलकर फैजाबाद कर दिया गया।

शिवाजी नगर का नाम बदलकर आतंकी औरंगजेब के नाम पर औरंगाबाद कर दिया गया।

लक्ष्मीनगर का नाम बदलकर नबाब मुजफ्फर अली के नाम पर मुजफ्फरनगर रख दिया।

भटनेरनगर का नाम गाजियाबाद रख दिया।

इंद्रप्रस्थ का नाम दिल्ली रख दिया गया।

इसी प्रकार आज भी हमारे उपनगरों व सड़कों के नाम विदेशी लुटेरों और भारतविरोधी तत्वों के नाम पर रखे जा रहे है जैसे:

तुगलक रोड,
अकबर रोड,
औरंगजेब रोड,
आसफ अली रोड,
शाहजहाँ मार्ग,
जहागीर मार्ग,
लार्ड मिंटो रोड,
लारेन्स रोड,
डलहोजी रोड,
आर्थर रोड आदि - आदि।

जरा विचार करो, राष्ट्र्द्रोही और आतंकवादियों के नामों का इस प्रकार से भारत पर जबरदस्ती थोपा जाना एक षडयंत्र नहीं है क्या ..?

ये सब मानसिक एवं वैचारिक गुलामी का परिचायक है। अयोध्या के श्री राम मंदिर को विश्व जानता है कि यहां राम का जन्म हुआ और उसका भव्य मंदिर था, एक अरबपंथी लुटेरा जेहादी सेना लेकर आया उसने लूट मचाई, भारतीय स्वाभिमान को नीचा दिखाने के लिए उसने मंदिर को तोड दिया, लुटेरा भी चला गया और देश के दो भाग भी चले गये, परंतु फिर भी मुकदमा भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक श्रीराम और एक लुटेरे के बीच मे!

कैसी है यह आजादी ??

जय हिन्दू राष्ट्र !!!!
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