Monday, February 25, 2013

नेहरु की पीढ़ी -


जो लोग नेहरू गांधी परिवार को मुस्लिम मानने से इंकार करते है उनके लिए प्रश्न
नेहरू से पहले ....नेहरू की पीढ़ी इस प्रकार है ....
1. गंगाधर नेहरु
2. राज कुमार नेहरु
3. विद्याधर नेहरु
4. मोतीलाल नेहरु
5. जवाहर लाल नेहरु गंगाधर नेहरु (Nehru) उर्फ़ GAYAS - UD - DIN SHAH जिसे GAZI की उपाधि दी गई थी....
GAZI जिसका मतलब होता है (KAFIR - KILLER)



इस गयासुद्दीन गाजी ने ही मुसलमानों को खबर (मुखबिरी ) दी थी की गुरु गोबिंद सिंह जी नांदेड में आये हुए हैं , इसकीमुखबिरी और पक्की खबर के कारणही सिखों के दशम गुरु गोबिंद सिंह जी के ऊपर हमला बोला गया,जिसमे उन्हें चोट पहुंची और कुछ दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई थी.
और आज नांदेड में सिक्खों का बहुत बड़ा तीर्थ-स्थान बना हुआ है. जब गयासुद्दीन को हिन्दू और सिक्ख मिलकर चारों और ढूँढने लगे तो उसने अपना नाम बदल लिया और गंगाधर राव बन गया, और उसे इससे पहले मुसलमानों ने पुरस्कार के रूप में अलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में इशरत मंजिल नामक महल/हवेली दिया, जिसका नाम आजआनंद भवन है ....आनंद भवन को आज अलाहाबाद में kangress का मुख्यालय बनाया हुआ है इशरत मंजिल के बगल से एक नहर गुजरा करती थी, जिसके कारण लोग गंगाधर को नहर के पास वाला, नहर किनारे वाला, नहर वाला, neharua , आदि बोलते थे जो बाद में गंगाधर नेहरु अपना लिखने लगा इस प्रकार से एक नया उपनाम अस्तित्व में आया नेहरु और आज समय ऐसा है की एक दिन अरुण नेहरु को छोड़कर कोईनेहरु नहीं बचा ...
अपने आप को कश्मीरी पंडित कह कर रह रहा था गंगाधर क्यूंकि अफगानी था और लोग आसानी से विश्वास कर लेते थे क्यूंकि कश्मीरी पंडित भी ऐसे ही लगतेथे.
अपने आप को पंडित साबित करने के लिए सबने नाम के आगे पंडित लगाना शुरू कर दिया
1. गंगाधर नेहरु
2. राज कुमार नेहरु
3. विद्याधर नेहरु
4. मोतीलाल नेहरु
5. जवाहर लाल नेहरु लिखा .. और यही नाम व्यवहार में लाते गए ...
पंडित जवाहर लाल नेहरु अगर कश्मीर का था तो आज कहाँ गया कश्मीर में वो घर आज तो वो कश्मीर में कांग्रेस का मुख्यालय होना चाहिए जिस प्रकार आनंद भवन कांग्रेस का मुख्यालय बना हुआ है इलाहाबाद में....
ये कहानी इतनी पुरानी भी नहींहै की इसके तथ्य कश्मीर में मिल न सकें ....
आज हर पुरानी चीज़ मिल रही है....
चित्रकूट में भगवन श्री राम के पैरों के निशान मिले,
लंका में रावन की लंका मिली, उसके हवाई अड्डे, अशोक वाटिका, संजीवनी बूटी वाले पहाड़ आदि बहुत कुछ....
समुद्र में भगवान श्री कृष्ण भगवान् द्वारा बसाई गई द्वारिका नगरी मिली ,
करोड़ों वर्ष पूर्व की DINOSAUR के अवशेष मिले तो 150 वर्ष पुराना कश्मीर में नकली नेहरू का अस्तित्व ढूंढना क्या कठिन है ?????
दुश्मन बहुत होशिआर है हमें आजादी के धोखे में रखा हुआ है, इस से उभरने के लिए इनको इन सबसे भी बड़ी चुस्की पिलानी पड़ेगी जो की मेरे विचार से धर्मान्धता ही हो सकती है जैसे गणेश को दूध पिलाया था अन्यथा किसी डिक्टेटर को आना पड़ेगा या सिविल वार अनिवार्य हो जायेगा
तो क्या सोचा हम नेहरू को कौनसे नाम से पुकारे ? जवाहरुद्दीन या चाचा नेहरू ?
जो नेहरू नेहरू कहते है उनसे पूछिये की इस खानदान के अलावाभारत मे और कोई नेहरू क्यूँ नहीं हुआ ?
अगर यह वास्तव मे ब्राह्मण थातो ब्राह्मनों मे नेहरू नाम की गोत्र अवश्य होनी चाहिए थी? क्यूँ नहीं है
क्यों देश मे और कोई नेहरू नहीं मिलता ?
क्या ये जवाहर लाल के परिवार वाले आसमान से टपके थे ?
जय श्री राम
जय भारत जय हो

जो लोग नेहरू गांधी परिवारको मुस्लिम मानने से इंकारकरते है उनके लिए प्रश्न
# देश मे सोलंकी, अग्रवाल, माथुर, सिंह, कुशवाहा, शर्मा, चौहान, शिंदे, कुलकर्णी, व्यास, ठाकरे आदि उपनाम हजारो, लाखो करोड़ो की संख्यामे मिलेंगे लेकिन "नेहरू" सेकड़ों भी नहीं है क्यूँ ?
# कश्मीरी हमेशा अपने नाम के पीछे पंडित लगाते है
लेकिन जवाहर लाल के नाम के आगे पंडित कैसे ? गंगाधर के पहले का इतिहास क्यूँ नहीं है?
# नेहरू ने ऐसा क्यूँ कहा "I AM HINDU BY AN ACCIDENT"
क्या ये प्रश्न आपके मन मे उठे कभी ? ? ? ? इस कोंग्रेसी वामपंथी
इस कोंग्रेसी महिमामंडित गांधी नेहरू इतिहास ने कभी मौका ही नहीं दिया ? ? ?
ऐसे ही मासूम विद्यार्थियों के भेजे मे यह गांधी नेहरू परिवार
की गंदगी भरी जा रही है देश केलाखो स्कूलो मे...
इस गांधी नेहरू नाम के इतिहासके सामने राम कृष्ण, राणा, शिवाजी आदि हजारो महावीरों सपूतो के किस्से इतिहास भी नगण्य किए जाते है ...
इतिहासकारो और इतिहासिक संस्थानो पर कॉंग्रेस और वामपंथियों का कब्जा है कैसे देश की पीढ़ी वीर बनेगी ? ? ??
इस परिवार ने देश के अन्य वीर शहीदो की शहीदी को भू फीका कर दिया अपने महिमामंडित इतिहाससे हर पन्ने पर इनका नाम नजर आता है ...
हमें तो अब चाहिए पूर्ण आजादी...
राम कृष्ण राणा शिवाजी के देशमे
गंदी नेहरू नाम के पिशाच नहींचाहिए
 

1 comment:

  1. गंगाधर (ग्यासुद्दीन ग़ाजी) मोतीलाल का बाप था और 1857 के विद्रोह के समय दिल्ली का नगर कोतवाल (पुलिस कमिशनर) था। 1707 के आसपास इनके पूर्वज कश्मीर से दिल्ली आये थे। तत्कालीन कश्मीरी सुलतान ने जब दिल्ली की सलतनत संभाली तो वो इस परिवार को अपने साथ दिल्ली ले आया था। (ये सब जानकारी नेहरू की आत्मकथा के अनुसार है।)

    ReplyDelete