Thursday, January 17, 2013

क्या कहते है हमारे मंत्री देश के बारे में...







चिदंबरम ने एक बार इंदौर शहर में एक भाषण दिया था जहां राजीव भाई मंच के सामने बैठे थे | उन्होंने भाषण प्रारंभ किया ये कह के की भारत हजारो साल से गरीब देश रहा है | फिर बीच में कहने लगा ये तो भला हो अंग्रेजो का जो ओ भारत में आये और उन्होंने भारत को थोडा बेहतर बना दिया वर्ना हम तो अँधेरे में डूबे हुए थे, हमको तो कोई ज्ञान नहीं था, कोई प्रकाश नही था ; इस देश में तो भयंकर गरीबी ही गरीबी थी | और वो बार बार नेहरु को कोट कर रहा था |
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अधिक जानकारी के लिये निचे दिए गये लिंक पे जाके विडियो देखे :
http://www.youtube.com/watch?v=B-SAiFEvIeY

राजीव दीक्षित Rajiv Dixit

भाषण ख़तम होने के बाद राजीव भाई से और रहा नही गया और उन्होंने चिदंबरम से पूछा की यदि भारत हजारो साल से गरीब था तो अंग्रेज यहाँ 250 साल झक मरने के लिए क्यों आये ? गरीबो के पास कोई 250 साल रहता है आ के ? पुर्तगाली 450 साल झक क्यों मार रहे थे इस देश में ? भारत अगर हजारो साल से गरीब था तो ये मुग़ल क्यों आये झक मारने के लिए 300 साल तक ? गरीबो के देश में जा के कोई राज्य स्थापित करता है क्या ? मोहम्मद बिन काशिम क्यों आया ? महमूद गजनबी क्यों आया ? तैमुरलंग , नादिर शाह , अहमद शाह अबदाली क्यों आये जब हम हजारो साल से गरीब ही थे तो ? इनको तो किसी अमीर देश में जाना चाहिए था , वो सब यहाँ क्यों आये ? सिकंदर क्यों आया ?
चिदंबरम चुप हो गया ... बोला कुछ नही ..फिर बोलने लगा नेहरूजी ने कहा है | तो राजीव भाई ने बोला के उनसे तो पूछ नही सकते तुम नेहरु के मानसपुत्र हो तुम ही बता दो |

ऐसे ही मनमोहन सिंह एक बार ऑक्सफोर्ड गए थे डी-लिट की उपाधि लेने, उस सम्मान समारोह में उन्होंने अपने भाषण में यही गाना गाया था ... भारत हजारो साल से गरीब देश था ये तो अंग्रेजों ने भारत में आ के भारत को थोड़ा सभ्य बनाया, हम अंग्रेजो के बहुत आभारी है जिन्होंने हमको तकनिकी सिखाई, विज्ञान लाये , उद्योग लाये .. ये उन्होंने 40 मिनिट बोला|
अगले दिन ये भाषण इंग्लैंड के अखबारों में छापा और कई अखबारों ने टिपण्णी लगाई के 'लगता है भारत अभी भी अंग्रेजो के गुलामी में ही है, क्योंकि कोई स्वतंत्र देश के स्वभिमानी प्रधानमंत्री ये बात नही बोल सकते ये तो किसी गुलाम देश के गुलाम प्रधानमंत्री की बात लगता है ' |
राजीव दीक्षित Rajiv Dixit
 — with Ram DwivediRavi DewanganManish Dewangan and Paras Dewangan.

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