Thursday, January 17, 2013

कांग्रेस को चिंतन शिविर की नहीं, प्रायश्चित शिविर ....


सही मायनो में देखा जाये तो कांग्रेस को चिंतन शिविर की नहीं, प्रायश्चित शिविर के आयोजन की जरुरत है ..पिछले 10 वर्षों की ही बात करें तो जिस प्रकार सरकार ने देश का बेडा गर्क किया है,ऐसा किसी लोकतान्त्रिक देश में नहीं हुआ होगा।।लाखों करोड़ के नीतिगत तरीके से किये गए घोटाले,भ्रष्टाचार ....और महंगाई ..सीबीआई का दुरूपयोग ...ये सब जैसे इस सरकार की प्रथा बन गई है।।इसी सरकार ने अपने पिछले शासन काल में जिस प्रकार संसंद में विश्वास मत हासिल किया गया था,वो आज भी लोग भूले नहीं है।।
और सबसे बड़ी बेशर्मी ये कि इन सब के बावजूद सरकार अपने आप को पाक साफ़ साबित करने के लिए मिडिया का भरपूर इस्तेमाल करती नज़र आई।।सच कहें तो आज का बुद्धिजीवी वर्ग न तो इस सरकार पे भरोसा करता है न मिडिया का।।
सुनने में ये भी आया है कि इस बार का चिंतन शिविर में सोशल मिडिया पे हो रही सरकार की किरकिरी से निपटने की रणनिति बने जाएगी।।मतलब समझे तो सरकार अपनी बदनामी से तो डरी हुई है,लेकिन अपने पापों का ज़रा भी अफ़सोस नहीं है ..

हमारे अनुमान से इस चिंतन (?) शिविर में मुख्य चिंताएं :

1.किसी भी नेतिक या अनेतिक तरीके से नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रियता से कैसे निपटा जाये।।
2. गुजरात चुनाव में भाजपा को मिले जागरूक मुसलमानों के 52% वोट सबसे बड़ी चिंता का विषय है।।
3.नाकाबिल राहुल का कद बढ़ाने के लिए मोदी जी का कद कैसे कम किया जाये।।
4. राहुल किसी भी पद के काबिल नहीं है,तो क्या राहुल के लिए कोई नया पद बनाया जाये।।
5.मोदी जी की लोकप्रियता के चलते राहुल का भविष्य अंधकारमय लगता है,राहुल का भविष्य के लिए क्या किया जाये।।।
6.कांग्रेस की टीम B (केजरीवाल की आम आदमी पार्टी )को थोडा और मजबूत करके वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाये।।
7.मुलायम,मायावती,शरद पंवार,करूणानिधि,लालू आदि को सीबीआई के द्वारा और अधिक फ़साने के लिए क्या उपाय किये जाये।।

असल में कांग्रेस नकारत्मक सोच से घिरी हुई प्रतीत हो रही है।।
ऐसे में सरकार प्रायश्चित शिविर की जरुरत थी ,

मुद्दे तो ये होने थे:

1.विदेश में ज़मा काले धन को राष्टीय सम्पति घोषित कर,उस धन को वापस देश में लाने की कार्यवाही की जाये।।
2.काले धन की लिस्ट सार्वजनिक की जाये,तथा आरोपियों पर क़ानूनी कार्यवाही की जाये।।
3.स्वामी रामदेव के शांति पूर्ण आन्दोलन पर लाठियां बरसाने पर माफ़ी मांगी जाये।।
4.उद्योग जगत और पूंजीपति वर्ग को दी जाने वाली भारी भरकम सब्सिडी पर अंकुश लगाया जाये।।(महंगाई आधी कम हो सकती है)
5.पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम करने के लिए पेट्रोलियम कम्पनीयों का भारी भरकम खर्चा कम किया जाये,सरकार भी टैक्स घटाए।।
सही मायनो में देखा जाये तो कांग्रेस को चिंतन शिविर की नहीं, प्रायश्चित शिविर के आयोजन की जरुरत है ..पिछले 10 वर्षों की ही बात करें तो जिस प्रकार सरकार ने देश का बेडा गर्क किया है,ऐसा किसी लोकतान्त्रिक देश में नहीं हुआ होगा।।लाखों करोड़ के नीतिगत तरीके से किये गए घोटाले,भ्रष्टाचार ....और महंगाई ..सीबीआई का दुरूपयोग ...ये सब जैसे इस सरकार की प्रथा बन गई है।।इसी सरकार ने अपने पिछले शासन काल में जिस प्रकार संसंद में विश्वास मत हासिल किया गया था,वो आज भी लोग भूले नहीं है।।
और सबसे बड़ी बेशर्मी ये कि इन सब के बावजूद सरकार अपने आप को पाक साफ़ साबित करने के लिए मिडिया का भरपूर इस्तेमाल करती नज़र आई।।सच कहें तो आज का बुद्धिजीवी वर्ग न तो इस सरकार पे भरोसा करता है न मिडिया का।।
सुनने में ये भी आया है कि इस बार का चिंतन शिविर में सोशल मिडिया पे हो रही सरकार की किरकिरी से निपटने की रणनिति बने जाएगी।।मतलब समझे तो सरकार अपनी बदनामी से तो डरी हुई है,लेकिन अपने पापों का ज़रा भी अफ़सोस नहीं है ..

हमारे अनुमान से इस चिंतन (?) शिविर में मुख्य चिंताएं :

1.किसी भी नेतिक या अनेतिक तरीके से नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रियता से कैसे निपटा जाये।।
2. गुजरात चुनाव में भाजपा को मिले जागरूक मुसलमानों के 52% वोट सबसे बड़ी चिंता का विषय है।।
3.नाकाबिल राहुल का कद बढ़ाने के लिए मोदी जी का कद कैसे कम किया जाये।।
4. राहुल किसी भी पद के काबिल नहीं है,तो क्या राहुल के लिए कोई नया पद बनाया जाये।।
5.मोदी जी की लोकप्रियता के चलते राहुल का भविष्य अंधकारमय लगता है,राहुल का भविष्य के लिए क्या किया जाये।।।
6.कांग्रेस की टीम B (केजरीवाल की आम आदमी पार्टी )को थोडा और मजबूत करके वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाये।।
7.मुलायम,मायावती,शरद पंवार,करूणानिधि,लालू आदि को सीबीआई के द्वारा और अधिक फ़साने के लिए क्या उपाय किये जाये।।

असल में कांग्रेस नकारत्मक सोच से घिरी हुई प्रतीत हो रही है।। 
ऐसे में सरकार प्रायश्चित शिविर की जरुरत थी ,

मुद्दे तो ये होने थे:

1.विदेश में ज़मा काले धन को राष्टीय सम्पति घोषित कर,उस धन को वापस देश में लाने की कार्यवाही की जाये।।
2.काले धन की लिस्ट सार्वजनिक की जाये,तथा आरोपियों पर क़ानूनी कार्यवाही की जाये।।
3.स्वामी रामदेव के शांति पूर्ण आन्दोलन पर लाठियां बरसाने पर माफ़ी मांगी जाये।।
4.उद्योग जगत और पूंजीपति वर्ग को दी जाने वाली भारी भरकम सब्सिडी पर अंकुश लगाया जाये।।(महंगाई आधी कम हो सकती है)
5.पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम करने के लिए पेट्रोलियम कम्पनीयों का भारी भरकम खर्चा कम किया जाये,सरकार भी टैक्स घटाए।।

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