Friday, January 25, 2013

जब सुशील कुमार शिंदे को रहना चाहिए था चुप

जब सुशील कुमार शिंदे को रहना चाहिए था चुप
आजतक वेब ब्‍यूरो | नई दिल्‍ली, 25 जनवरी 2013 | अपडेटेड: 18:59 IST

http://aajtak.intoday.in/story/when-shinde-should-have-kept-quiet-1-719832.html



हिंदू आतंकवाद पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बय़ान पर बीजेपी ने आर पार की जंग छेड़ दी. पहले कांग्रेस ने बयान से किनारा किया और अब पार्टी कह रही है कि माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है.
ये कोई पहला मौका नहीं है जब शिंदे के बयान ने कांग्रेस को मुसीबत में डाला है. जब शिंदे ऊर्जा मंत्री थे और देश में पावर ग्रिड फेल हुए थे तब भी शिंदे ने कुछ ऐसा ही विवादित बयान दिया था. हालांकि कांग्रेस हमेशा ही शिंदे के बयानों से पल्‍ला झाड़ लेती है लेकिन विपक्ष को तो हमला करने का मौका मिल ही जाता है. शिंदे के चुनिंदा दावों और वादों पर डालिए एक नजर...

पावर ग्रिड फेल होने पर
इस तरह ग्रिड फेल होने की घटना 10 साल बाद हुई. इससे पहले ऐसा साल 2002 में हुआ था. उस वक्‍त ग्रिड से बिजली आपूर्ति बहाल करने में 16 घंटे लग गए थे. इस बार गड़बड़ी को आंशिक तौर पर 6 घंटे में ही दुरुस्‍त का लिया गया.

तेलंगाना के गठन के मसले पर
मैंने सभी राजनीतिक दलों की बातें ध्‍यानपूर्वक सुनी. बैठक के दौरान जो बातें सामने आईं, मैं उससे सरकार को अवगत कराऊंगा. एक महीने के भीतर हमलोग नतीजे तक पहुंच जाएंगे. एक महीने के भीतर कोई निर्णय हो जाएगा.

कसाब की फांसी के मसले पर
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी तक को यह जानकारी नहीं थी कि मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटकाया जाने वाला है.

छात्रों की माओवादियों से तुलना
यह कहना बहुत आसान है कि गृहमंत्री को प्रदर्शनकारियों से (दिल्‍ली गैंगरेप के खिलाफ) मिलने जाना चाहिए. कल को अगर माओवादी हथियारों के साथ ऐसा ही प्रदर्शन करने लग जाएं, तो क्‍या तब भी मैं उनसे मिलने जाऊंगा?

आरएसएस व बीजेपी के खिलाफ बयान
हमारे पास ऐसी रिपोर्ट है कि चाहे वह आरएसएस हो या बीजेपी, उनके ट्रेनिंग कैप हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. इन सारे मसलों पर हम खास सतर्कता बरत रहे हैं.



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