Saturday, January 19, 2013

राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए

अब तय हो गया ... सोनिया कांग्रेस की अध्यक्ष हैं, राहुल उपाध्यक्ष हैं और मनमोहन चुपाध्यक्ष हैं। 
राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए
लेकिन मज़े की बात है की खांग्रेसियों से
ज्यादा बीजेपी वाले इस बात की खुशी मना रहे
हैं आज कांग्रेस से ज्यादा खुश मीडिया वाले दिख रहे थे...
जिस प्रकार बार बार रिपोर्टर अपने कैमरामैन को कह रहे थे "ज़रा आतिशबाजी दिखाईये,और जिस प्रकार से वो सब कांग्रेस्सियों को इक्कठा करके एक एक का बयान दिखा रहे थे...
मुझे याद आया कई बार शादी में हम लोग देखते हैं आखिर में कैमरे वाला पुरे परिवार को कहता है "भाभीजी स्माइल कीजिये,अंकल आप यहाँ आ जाइए,बेटे आप बीच में आ जाओ" 

लेकिन प्रश्न ये है की कैमरे वाले को ये सब करने के पैसे मिलते है...:) :)
ये पब्लिक है सब जानती है ये पब्लिक है...अजी अन्दर क्या है..अजी बाहर क्या है ये सबकुछ पहचानती है......

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आज बुजुर्ग कांग्रेसियो की खानदान भक्ति देखकर कुत्ते भी शरमा गये होंगे .. 50 -50 साल से राजनीती में रहने वाले कई वरिष्ठ कांग्रेसी टीवी पर राहुल गाँधी के बारे में ऐसे कसीदे पढ़ रहे थे मानो वो खुद स्वीकार कर रहे हो की हमारा जन्म सिर्फ गाँधी खानदान के तलवे चाटने के लिए ही हुआ है .. हम तो गाँधी खानदान के चारण-भाट दरबारी या खानदानी तलवाचट्टू ही है ...
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लो भाइयों,
आ गयी खबर,कांग्रेस ने राहुल गाँधी को अपना प्रधानमन्त्री दावेदार घोषित कर दिया...
या दुसरे शब्दों में कहें तो मोदीजी को प्रधानमन्त्री स्वीकार कर लिया
उम्मीद है राहुल गाँधी अपना हारने का इतहास जारी रखेंगे
साथ ही हमारे आधुनिक भारत के चाणक्य डॉ.सुब्रमण्यम स्वामीजी की प्रतिक्रिया भी आ चुकी है,उन्होंने कहा...

"कांग्रेस बुद्धू(स्वामीजी प्यार से राहुल को बुद्दू कहते हैं) को अपना प्रधानमन्त्री दावेदार घोषित करके केवल समय बर्बाद कर रही है,कानूनन तौर पे ये संभव ही नहीं है"
आपको याद दिला दें की ये वही स्वामीजी हैं जिन्होंने सोनिया गाँधी को प्रधानमन्त्री की शपथ लेने से मात्र ३ घंटे पहले झटका दिया था की तुम कानून के हिसाब से प्रधानमन्त्री नहीं बन सकती,स्वामीजी बताते हैं कारण ये है की सोनिया गाँधी अब भी इटली की नागरिक हैं और हमारे सविधान के अनुसार कोई विदेशी देश का प्रधानमन्त्री नहीं बन सकता,
और यही कारण है की उस वक़्त हमारे नसीब में मनमोहन सिंह आ गए..लेकिन इस सच को इतने बेहतरीन तरीके से हमारी मीडिया ने छुपाया की नीचता की साड़ी हद्द पार कर दी,
उन्होंने सारा दिन अपने न्यूज़ चैनलों पर दिखाया की सोनियाजी ने खुद विरोध के चलते प्रधानमन्त्री पद को ठुकरा दिया है,
और हैडलाइन बनी "वो त्याग की देवी हैं"
यही तर्क राहुल गाँधी पर भी लागू होता है,
वो जिस समय पैदा हुए उस वक़्त सोनिया गाँधी इटली की नागरिक थी तो सहज बात है जो माँ की नागरिकता होगी वाही बेटे की...
तो इस प्रकार स्वामीजी कहते हैं किसी भी हालत में राहुल गाँधी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते...


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कटु सत्य 
जिस देश में ४२ साल का अधेड युवा नेता कहलाता हो --
वहाँ १६ साल के लड़के बलात्कार करने के बाद भी कभी फांसी की सजा नहीं पा सकते ----हमारा तो विचार है की कानूनन शादी की उम्र भी लड़कों की ४० साल कर देनी चाहिए ---







सीमा पर भारत के सैनिको के सर काट लेने की घटना के बाद राहुल गांधी ने आज अपना मुँह खोला और कहा कि'कड़ी कार्यवाही करना और भावनात्मक होना अलग चीज़ें हैं'
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लेकिन कुछ सवाल...
1) तब भावनात्मक क्यों हो जाते हैं जब बाबा रामदेव, सोनिया के खिलाफ़ काले धन के मुद्दे पर आंदोलन करते हैं.
2) तब भावनात्मक क्यों हो जाते हैं जब यू.पी. मे चुनाव प्रचार के वक़्त काले झंडे दिखाने वाले नौजवानो पर लात घूँसों की बौछार की जाती है.
3) तब भावनात्मक क्यों हो जाते हैं जब देश का युवा दिल्ली की सड़कों पर दामिनी के लिये इंसाफ़ की मांग करता है. और उन्हे मिलती हैं लाठियाँ, गोली, आँसू गैस और वाटर कैनन.
4) और तब भावनात्मक क्यों हो जाते हैं जब राजीव गांधी की हत्या करने की सज़ा पूरे सिख समुदाय को उठानी पड़ती है और 2000 सिखों का क़त्ल कर दिया जाता है.
देश को मूर्ख समझ के रखा है का बे...???

बेटा भोंदू अब तेरी और तेरी माँ की नौटंकियो को देश समझ चूका है, अब ऐसी नौटंकियो से काम नहीं चलने वाला, जितना जल्दी हो सके अपनी मईया का हाथ का पकड़ कर निकल ले इटली, क्योंकि भारत की जनता मारती पचास है गिनती पाँच है...

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