Friday, March 22, 2013

कौन किसके आगे झुका ? इटली भारत के आगे या भारत इटली के आगे ?


इटालियन सैनिकों की वापसी पर खुशियाँ मत मनाइए .... भारत सरकार ने इटली के आगे झुकते हुए इटली की सारे नाजायज मांगे स्वीकार की तब जाकर इटली ने अपने सैनिको को भारत भेजा....

इटैलियन नौसैनिकों की वापसी को लेकर लग रहा था कि भारत की आक्रामक कूटनीति के सामने इटली झुक गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कई शर्तें मनवाने के बाद इटली ने अपने दोनों नौसैनिकों को भारत रवाना किया है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को खुद लोकसभा को बताया कि नौसैनिकों को वापस भारत लाने के लिए सरकार ने क्या- क्या वादे किए हैं।
विदेश मंत्रलाय के सचिव स्तर को तीन अधिकारी गुपचुप रूप से इटली गए थे और इटली सरकार की हर मांगो को भारत सरकार को भेजा,

फिर प्रधानमंत्री आवास पर एक आपात बैठक में इन मांगो पर केबिनेट में चर्चा हुई जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया ..

भारत सरकार ने इन मांगो को स्वीकार किया है --

१- सैनिको को फांसी की सजा नही होगी..

२-पांच साल से ज्यादा जेल की सजा नही होगी..

३-सुनवाई के दौरान सैनिक जेल में नही बल्कि इटली के दूतावास में रहेंगे..

४- अगर इन्हें जेल की सजा होती है तो ये सजा जेल में नही बल्कि गेस्टहाउस में काटेंगे..

५- सैनिको को हर तरह की सुखसुविधा जैसी एसी, फ्रिज, टीवी, मोबाइल फोन आदि मिलेंगी..

६- इटली के कानून के मुताबिक कैदियों को भी अपनी पत्नियों से सेक्स सम्बन्ध बनाने का अधिकार है इसलिए इनकी पत्नियों को भी इनके साथ सेक्स सम्बन्ध बनाने का अधिकार रहेगा..

अब बताइए मित्रों, कौन किसके आगे झुका ? इटली भारत के आगे या भारत इटली के आगे ?

वैसे इटालियन बार- बाला सोनिया अपने मायके वालों पर इतना जल्दी फंदा कस जाने दे ये तो पहले से ही संदेह के घेरे में था, पर अब और पुख्ता हो गया कि किन शर्तों पर सोनिया डायन ने इनको भारत वापस बुलाया है, ताकि नाक भी बची रहे और जनता के बीच नम्बर भी लग जाएँ..

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जय हिन्द..
इटालियन सैनिकों की वापसी पर खुशियाँ मत मनाइए .... भारत सरकार ने इटली के आगे झुकते हुए इटली की सारे नाजायज मांगे स्वीकार की तब जाकर इटली ने अपने सैनिको को भारत भेजा.... 

इटैलियन नौसैनिकों की वापसी को लेकर लग रहा था कि भारत की आक्रामक कूटनीति के सामने इटली झुक गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कई शर्तें मनवाने के बाद इटली ने अपने दोनों नौसैनिकों को भारत रवाना किया है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को खुद लोकसभा को बताया कि नौसैनिकों को वापस भारत लाने के लिए सरकार ने क्या- क्या वादे किए हैं।
विदेश मंत्रलाय के सचिव स्तर को तीन अधिकारी गुपचुप रूप से इटली गए थे और इटली सरकार की हर मांगो को भारत सरकार को भेजा, 

फिर प्रधानमंत्री आवास पर एक आपात बैठक में इन मांगो पर केबिनेट में चर्चा हुई जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया ..

भारत सरकार ने इन मांगो को स्वीकार किया है --

१- सैनिको को फांसी की सजा नही होगी..

२-पांच साल से ज्यादा जेल की सजा नही होगी..

३-सुनवाई के दौरान सैनिक जेल में नही बल्कि इटली के दूतावास में रहेंगे..

४- अगर इन्हें जेल की सजा होती है तो ये सजा जेल में नही बल्कि गेस्टहाउस में काटेंगे..

५- सैनिको को हर तरह की सुखसुविधा जैसी एसी, फ्रिज, टीवी, मोबाइल फोन आदि मिलेंगी..

६- इटली के कानून के मुताबिक कैदियों को भी अपनी पत्नियों से सेक्स सम्बन्ध बनाने का अधिकार है इसलिए इनकी पत्नियों को भी इनके साथ सेक्स सम्बन्ध बनाने का अधिकार रहेगा.. 

अब बताइए मित्रों, कौन किसके आगे झुका ? इटली भारत के आगे या भारत इटली के आगे ?

वैसे इटालियन बार- बाला सोनिया अपने मायके वालों पर इतना जल्दी फंदा कस जाने दे ये तो पहले से ही संदेह के घेरे में था, पर अब और पुख्ता हो गया कि किन शर्तों पर सोनिया डायन ने इनको भारत वापस बुलाया है, ताकि नाक भी बची रहे और जनता के बीच नम्बर भी लग जाएँ.. 

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