Friday, March 29, 2013

पवार साहब आप कितने महान "संवेदनशील"(??) हैं.

शरद पवार साहब हिंदुओं के संभावित गुस्से और मुसलमानों की सुरक्षा के प्रति कितने चिंतित हैं, यह उनके एक इंटरव्यू से ज़ाहिर होता है.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में पवार ने बीस साल बाद स्वीकार किया कि १९९३ के मुंबई बम ब्लास्ट के समय हिंदुओं के गुस्से से मुसलमानों को बचाने के लिए ही उन्होंने खुद टीवी पर जाकर यह झूठ बोला था कि कुल ११ नहीं बल्कि १२ बम विस्फोट हुए हैं.

शरद पवार ने मीडिया और पुलिस को निर्देश दिया कि सभी माध्यमों में यह खबर भी जानी चाहिए कि मुस्लिम बहुल "मस्जिद बन्दर" इलाके में भी एक बम विस्फोट हुआ है, ताकि हिंदुओं को लगे कि सिर्फ हिन्दू ही नहीं, मुसलमान भी इन विस्फोटों में मारे गए हैं.

पवार साहब यहीं नहीं रुके, उन्होंने एयर इंडिया (जहाँ सबसे पहला विस्फोट हुआ था) के दफ्तर से बाहर आकर, बिना किसी जाँच के संवाददाताओं को यह झूठ भी परोस दिया कि जिन बमों से विस्फोट हुआ है, उनमें पाया गया विस्फोटक LTTE के तमिल उग्रवादियों के पास पाया जाता है... ताकि दाऊद और मेमन बंधुओं के इस दुष्कृत्य पर तात्कालिक रूप से ठंडा पानी डाला जा सके...

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ओह.... पवार साहब आप कितने महान "संवेदनशील"(??) हैं...

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