पहला हिन्दू आंतकवादी मोहनदास करमचंद गाँधी था ….. जिसने अंग्रेजो के विरुद्ध उमड़ते जनसैलाब को अहिंसा के छींटो के बुझाकर अंग्रेजो का काम आसान किया और परिणाम स्वरुप अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों पर किये गये अत्याचार की कालावधि बढती रही ! जिनके समय में हिन्दुओ का नरसंघार होता रहा और ये अहिंसा की पीपनी बजाते रहे ! इस्लाम के नाम पर देश का विभाजन हो गया और इन्हें याद रहा तो केवल इतना की पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये देने है ! भारतीयों के मूँह से निवाला छीनकर कर पाकिस्तानियो की चोंच भरने वाला आंतकवादी नहीं था तो क्या था !!
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