Friday, June 21, 2013

आखिर हमारा टैक्स किस काम का ?

जुलाई अगस्त 2010 पकिस्तान में बाढ़ आई थी हमारे मनमोहन सिंह जी ने पकिस्तान को अपनी तरफ से मदद की पेशकश की थी | अपनी तनख्वाह के नहीं हमारी मेहनत के . मंदिरों के , टैक्स के पैसा 5 मिलयन डॉलर पकिस्तान को देदिए | उसके बाद 20 मिलियन डॉलर की और पेशकश की |

अगर हज करने गए हाजीओं के साथ कोई दुर्घटना हुई होती, तो ये सरकार और कुत्ते कांग्रेसी और सेकुलरवादी कुत्ते अरबों खरबों की सहायता दे चुके होते, और पचास लाख प्रति मृतक को मुआवजा घोषित कर दिया होता, अब क्यूंकि उत्तराखंड में सिर्फ हिन्दू-सिख मरे हैं इस लिए सरकार मस्त और त्रस्त है … 

मई 2013 अफगानिस्तान में प्रणब मुखर्जी ने 2 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता राशि की घोषणा की सिर्फ अफगानिस्तान की सडको , बिजली और मेडिकल के लिए..

ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं बांग्लादेश, ईरान और न जाने कितने छोटे बड़े देश गिनती में हैं | और वही सरकार जो पकिस्तान , यूरो जोन , अफगानिस्तान , ईराक , बंगाल को पैसे बाँट रही है अपने देश में आई आपदा पे भिखारी हो जाती है |

हमारे मनमोहन जी जो विदेशों में मिलियन डालर बाँट रहे देश में सिर्फ 1000 करोड़ , मृतको को २ लाख रुपये जैसी बात कर रहें है..

1000 करोड़ का दान तो भारत के लोगरोज भिकारियो को दे दिया करते हैं|
जहाँ 20000 से अधिक लोग मारे गए हैं और २ लाख लोगों तक कोई सहायता पहुँच ही नहीं पायी है वहां हमारे देश में सिर्फ 145 करोड़ रुपये ही तत्काल जारी किये गए हैं |

आखिर हमारा टैक्स किस काम का ?

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